अब कालेज शिक्षक भी बन सकेंगे गाइड

By: Mar 24th, 2017 12:01 am

ईसी ने दी मंजूरी, यूजीसी के नियम पूरा करने वाले अध्यापकों को मिलेगा लाभ

शिमला  —  प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के शिक्षक भी छात्रों के पीएचडी गाइड बन सकेंगे। कालेज शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनने की अंतिम मंजूरी विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की ओर से दे दी गई है। लंबे समय से प्रदेश में कालेज शिक्षक इस अहम फैसले की राह देख रहे थे। विवि ईसी की तरफ से कालेज शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनने की मंजूरी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों पर दी गई है। कार्यकारिणी परिषद ने स्पष्ट किया है कि वही कालेज शिक्षक पीएचडी गाइड बन सकेंगे, जो यूजीसी के नियमों को पूरा करते हों। यूजीसी की ओर से पीएचडी और एमफिल के लिए प्रवेश और डिग्री से लेकर विनियम 2009 में संशोधन कर विनियम 2016 तैयार किया गया है। इसमें विवि शिक्षकों के साथ-साथ कालेज शिक्षकों के पीएचडी गाइड बनने के लिए नियम भी यूजीसी ने शामिल किए हैं। यूजीसी द्वारा तय नियमों को जो कालेज शिक्षक पूरा करते हैं, वे ईसी के फैसले के तहत प्रदेश में छात्रों को पीएचडी करवा सकेंगे। प्रदेश के कालेजों में बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जो पीएचडी गाइड बनने की योग्यता रखते हैं, लेकिन विवि की ओर से कालेज शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनने की अनुमति न मिलने से कालेज शिक्षक इसका लाभ नहीं उठा पा रहे थे। अब विवि कार्यकारिणी परिषद की मंजूरी मिलने के बाद कालेज शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। वहीं विवि ईसी से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के कालेजों के 400 से अधिक शिक्षक इस फैसले से लाभान्वित होंगे। अब ये शिक्षक छात्रों को पीएचडी करवा सकेंगे।

यह होनी चाहिए योग्यता

यूजीसी के तय नियमों में कालेज शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनने के लिए कालेज का नियमित शिक्षक होने के साथ, पांच साल का शैक्षणिक अनुभव होना और खुद पीएचडी उपाधि प्राप्त होने के साथ ही तीन शोध पत्र प्रकाशित करना आवश्यक है। यह योग्यता रखने वाले कालेज शिक्षक ही पीएचडी गाइड बन सकेंगे।


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