अब बीबीएन से

By: Mar 31st, 2017 12:02 am

आज बीबीएन हमारे और आपके बीच रिश्ते को नया आयाम देते हुए, ‘दिव्य हिमाचल’ के एक और प्रिंटिंग प्रेस परिसर का शुभारंभ कर रहा है। प्रदेश को नजदीक से समझने की जरूरत, हमेशा से हमारे प्रयास को चिन्हित करती रही है। इसलिए हम वहां चले जहां पगडंडी भी न थी, लेकिन रास्ते खुद बनते गए। और यही मार्ग आज बीबीएन से हमारे अगले सफर की दिशा बता रहा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी यानी बीबीएन से प्रकाशन की पहली बागडोर थामकर आपको यह यकीन दिलाना चाहते हैं कि अब कवायद में इजाफा, हमारे अंदाज को भी बदलेगा। यह दीगर है कि मीडिया की किश्तियां असहज होती हैं, लेकिन जब किनारे पर पाठक होते हैं तो आगे बढ़ने का इरादा प्रशस्त होता है। पाठकोें की सुबह को पंख लग जाएं, इसी तमन्ना से ‘दिव्य हिमाचल’ की यात्रा दो दशक पूर्व शुरू हुई और यही जज्बा पत्रकारिता की हिमाचली रूह बनकर हाजिर होता है, तो तसदीक होती हैं अपनत्व की जड़ें। हम अपनी कोशिशों की बाहें फैलाते रहे और आपने हमेशा ‘दिव्य हिमाचल’ को गले लगाया। बीबीएन से हम केवल प्रिंटिंग परिसर नहीं जोड़ रहे, बल्कि यह एक नए सकंल्प का प्रकाशन है। यह एक ऐसे हिमाचल का प्रतिनिधित्व है, जो किसी सांचे से नहीं, दिल के गहरे कक्ष से बनता है। बीस साल पहले जिस नन्ही कलम से हिमाचली पत्रकारिता शुरू हुई थी, आज उसे आपकी विरासत मिली। जहां तक हिमाचल, वहीं तक हम और इस जुनून की हर शर्त प्रदेश के अस्तित्व और स्वाभिमान की पहचान बन गई। यज्ञ की कुछ आहुतियां बीबीएन में पुनः हमें अपने कर्म की सेवा का लक्ष्य बता रही हैं। समाचार पत्रों के झुंड से अलहदा और प्रदेश के हर छोर तक मजबूत प्रहरी के रूप में दर्ज होने की चुनौती सदा बढ़ती रही है और इसी परिप्रेक्ष्य में नवरात्र का यह अवसर हमारे कर्म की आहुतियां कबूल करेगा और सदा की तरह आपके आशीर्वाद तथा स्नेह से ही लिखा जाएगा। इससे पूर्व हमने क्या किया यह महत्त्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आगे चलने को निरंतर पाठक समुदाय की प्रेरणा और विश्वास चाहिए। सामाजिक, सामुदायिक और सांस्कृतिक पत्रकारिता ने जहां हमें इनसानी जज्बात से रू-ब-रू होने की तहजीब सिखाई, वहीं इस दौर की युवा आवश्यकताओं ने और आगे बढ़कर हिमाचली प्रतिभा का आकाश खोलने का साहस भी दिया। अनेक इवेंट स्थापित करने के उपरांत इस साल ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के माध्यम से हम एक और कदम ले रहे हैं, जहां प्रदेश के खिलाड़ी खुद अपनी सफल इबारत लिखेंगे। इसी साल जब आग से धू-धू जले तांगणू गांव की सिसकियां उभरीं तो ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ ने आपके योगदान से चार लाख मुहैया कराए। यह क्रम दुख-तकलीफ को मिटा तो नहीं पाएगा, लेकिन समाज से समाज को साझा करने की कुछ कडि़यां जरूर जोड़ लेता है और इसीलिए पिछले कुछ वर्षों में ‘दिव्य हिमाचल रिलीफ फंड’ ने कई बीमार-लाचार के इलाज या आपदा से ग्रस्त लोगों की मदद की। हम शब्दों के शिल्प को शोहरत का पैगाम नहीं बनाना चाहते, बल्कि शब्द शीलन से पत्रकारिता को शिष्ट आचरण की डगर पर चलाना चाहते हैं। यही डगर आज बीबीएन परिसर से मीडिया चरित्र की नई भूमिका में आपसे रू-ब-रू करा रही है। हम आपसे सीखने और समझने की अपनी कोशिश में इससे बेहतर प्रयास नहीं कर सकते थे, लेकिन अब करने को एक शिद्दत भरा सफर फिर से शुरू हो गया। प्रयत्न के साथ परिवर्तन के कुछ नए कदम शीघ्र आप तक पहुंचेंगे, लेकिन इससे पहले पाठकों, शुभचिंतकों, विज्ञापनदाताओं व प्रसार एजेंटों का आभार।

-संपादक


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