अवैध खनन में लुट गई कुदरत

By: Mar 6th, 2017 12:03 am

सरकार के प्रयास फेल; इस साल सामने आए 6840 मामले, माफिया के आगे नई नीति बौनी

newsशिमला —  प्रदेश में सरकार द्वारा कई तरह के प्रयास करने के बावजूद नदियों और खड्डों का सीना छलनी करने का काम नहीं रुक पाया है। हैरानी इस बात की है कि इस साल भी प्रदेश में छह हजार 840 अवैध खनन के मामले सामने आ गए हैं। वह भी तब जब सरकार ने नीति और नियमों में फेरबदल किया है। नई नीति के मुताबिक आधिकारिक रूप से खड्डों की नीलामी की जा रही है, इसके बाद भी अवैध कारोबारी रुकने का नाम नहीं ले रहे। उद्योग विभाग का माइनिंग विंग इन अवैध कारोबारियों को पकड़ रहा है और इन पर जुर्माना भी लगा रहा है, लेकिन ये लोग मानने को तैयार नहीं हैं। उपरोक्त आंकड़ों से साफ है कि सरकार के खासे प्रयासों के बाद भी अवैध खनन रुक नहीं पाया है। सबसे अधिक अवैध खनन सोलन व ऊना जिला में होता है, वहीं कांगड़ा व शिमला जिला में भी इसकी रफ्तार पहले की तरह ही है। कांगड़ा, ऊना व हमीरपुर में उद्योग विभाग ने ठेकेदारों को वैज्ञानिक तरीके से खनन की इजाजत दी है, तब भी अवैध खनन जोरों पर है। छह हजार 840 मामलों में उद्योग विभाग ने पांच हजार 140 मामलों को कंपाउंड किया है, जिसमें दो करोड़ 93 लाख रुपए की राशि भी वसूल की गई है। शेष मामले अदालत में गए हैं, जिनके निपटने में समय लगेगा। हैरानी है कि इतनी बड़ी राशि का जुर्माना हर साल वसूल किया जाता है और इनके खिलाफ वाहनों को कब्जे में लेने का प्रावधान भी है। यही नहीं, सरकार ने 39 विभागीय अधिकारियों के साथ पंचायतों को भी इन अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत कर रखा है, लेकिन लगाम नहीं लग सकी है। इसमें दूसरे विभाग भी पूरी मदद नहीं कर रहे हैं, जबकि आधिकारिक तौर पर उन्हें कई दफा निर्देश जारी हो चुके हैं।

रास्ते बंद ही नहीं हुए

सरकार ने नदियों व खड्डों की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद करने के लिए कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कई जगहों पर रास्ते बंद किए गए तो दोबारा से खुल गए, वहीं कई नए रास्ते बना दिए गए हैं।

रात में खड्डों का चीरहरण

अवैध खनन कारोबारियों की हिम्मत इतनी अधिक है कि नदियों व खड्डों के बिल्कुल साथ तक इन्होंने जेसीबी मशीनें उतार दी हैं। यहां से रात के समय खनन के बाद कई टिप्पर रेत व बजरी के निकाले जा रहे हैं। इनकी किसी भी तरह से धरपकड़ नहीं हो पाती और जहां होती भी है तो जुर्माने के बाद भी ये लोग वही काम करते हैं।


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