अवैध भवन मालिक परेशान

By: Mar 27th, 2017 12:01 am

आसानी से नहीं मिल रहे स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट

शिमला  —  प्रदेश में अवैध भवनों को रेगुलर करने की प्रक्रिया पूरी करने में भवन मालिकों के पसीने छूटे हुए हैं। भवन मालिकों को आवेदन जमा करवाने के साथ-साथ स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके लिए उनको हजारों की फीस चुकानी पड़ रही है। ऐसे में  भवन मालिक टीसीपी को आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं। सरकार ने अवैध भवनों को नियमित करने के लिए संशोधित टीसीपी एक्ट तो लाया है, लेकिन इससे भी भवन मालिकों की परेशानियां कम नहीं हुई हैं। सरकार ने सभी  भवनों के लिए स्ट्रक्चरल सर्टिफिकेट देना अनिवार्य बनाया है। भवन मालिकों के मुताबिक उनको सर्टिफिकेट के लिए ही दस से बीस हजार की राशि चुकानी पड़ रही है। इसकी वजह यह है कि टीसीपी विभाग के पास नाममात्र के ही स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स पंजीकृत हैं। हालांकि विभाग ने सरकारी इंजीनियर्स को भी इसके लिए अधिकृत कर रखा है। इसके बावजूद लोगों को आसानी से ये सर्टिफिकेट नहीं मिल रहे हैं। सर्टिफिकेट के अलावा भवनों के आवेदन ऑनलाइन जमा करवाने के लिए भी हजारों की फीस चुकानी पड़ रही है। इस तरह केवल आवेदन करने में ही भवन मालिकों को चालीस से पचास हजार फीस देनी पड़ रही है, जबकि भवनों को रेगुलर करने के लिए सरकार को अलग से फीस चुकानी पड़ेगी।  भवन मालिकों की मानें तो जिस दर से सरकार ने फीस लगाई है,उससे एक भवन को नियमित करवाने के लिए पांच से छह लाख की फीस देनी पड़ेगी। वे इस फीस पर भी सवाल उठा रहे हैं। यही वजह है कि अधिकांश भवन मालिक आवेदन ही जमा करवाने की हिम्मत नहीं जुटा रहे। एक चौथाई लोग भी नहीं पहुंचे। वहीं भवन मालिक सरकार से आवेदन देने के लिए तय तिथि 30 मार्च से बढ़ाने की मांग लगातार कर रहे हैं। उधर विभाग  सर्टिफिकेट शुल्क व आवेदन जमा करवाने की फीस निर्धारित करने से हाथ खड़े कर चुका है।


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