आईजीएमसी में ट्रॉमा यूनिट …

By: Mar 31st, 2017 12:01 am

शिमला के अस्पताल में एल-1 कैटेगरी का बनेगा सेंटर 

शिमला  —  सरकारी अस्पतालों में ट्रॉमा चिकित्सा उपलब्ध करवाए जाने वाले ट्रॉमा मिशन के तहत आईजीएमसी में ट्रॉमा चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध की जाएगी। केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने आईजीएमसी में ट्रॉमा चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाने की  सिफारिश की है। इस कमेटी द्वारा भारतवर्ष में केवल 19 राज्यों में इस तरह की सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की सिफारिश की है। कमेटी की सिफारिशों के अनुसार आईजीएमसी में एल-1 कैटेगरी का ट्रॉमा सेंटर बनाया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सहित प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्टाफ की कमी और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया न करवाए जाने वाली जनहित याचिका  को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने आईजीएमसी के प्रधानाचार्य और प्रदेश लोक सेवा आयोग को आदेश दिए थे कि वे आईजीएमसी और टीएमसी सहित प्रदेश के सभी अस्पतालों में जल्दी स्टाफ की कमी पूरा करें और आईजीएमसी में अंत में स्रावविज्ञान(एंडोक्राइनोलॉजी) सुपर स्पेशियलिटी बनाए जाने बारे दो सप्ताह में उचित कदम उठाए। अदालत ने आदेश दिए थे कि राज्य सरकार आईजीएमसी में मेघ विज्ञान (नेफ्रोलॉजी) विभाग पूरी तरह से कार्य करना सुनिश्चित करे, ताकि प्रदेश के गरीब लोगों को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर न जाना पड़े। आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा दिए जाने बारे जरूरी कदम उठाए जाने के लिए हाई कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया था। इस मामले में प्रदेश सरकार ने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि आईजीएमसी में सीआरआरटी मशीन लगाई गई है। अदालत को बताया गया कि यह मशीन ठीक काम कर रही है। इस मशीन द्वारा वर्ष 2016 में 32 और इस वर्ष अभी तक 17 मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है।


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