आरामदायक होगा साल सेहत का पूरा ख्याल
शिमला — प्रदेश में शिशु-मृत्यु दर को प्रत्येक हजार जन्म पर 35 से 28 तक घटाया गया है, जो वर्ष 2016 की सैंपल रजिस्टे्रशन सर्वे रिपोर्ट पर आधारित है तथा वर्ष 2022 तक इसे 20 तक घटाने का लक्ष्य रखा गया है। डीडीयू के नए भवन में परिसर में वर्ष 2017-18 में सात करोड़ की लागत से संक्रमण नियंत्रित शल्यकक्षों तथा ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों को स्थापित किया जाएगा। धर्मशाला, मंडी, सोलन एवं कुल्लू में डायलिसिस सेवा प्रदान की जा रही है, इसे अन्य जिलों में भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसी तरह इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, शिमला में प्रथम स्तरीय ट्रॉमा केंद्र स्थापित किया जाएगा, इसे इसी साल श्ुरू किया जाएगा। इसके अलावा 290 करोड़ की लागत से सुराला (चम्याना) शिमला में एक अति विशिष्ट चिकित्सा खंड स्थापित किया जाएगा। इस खंड में 283 बिस्तर (जिसमें आईसीयू में 50) तथा नौ शल्य कक्ष होंगे। इस खंड में सभी सुविधाएं मिलेंगी तथा मरीजों को एक ही छत के नीचे अति विशिष्ट सेवाएं प्रदान की जाएंगी। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, टांडा में एक श्रेष्ठ मानसिक स्वास्थ्य केंद्र परिचालित किया जाएगा। इससे राज्य के बाहर चिकित्सा ले रहे मानसिक रोगियों को राज्य में ही उपचार सुविधा मिलेगी। इस उद्देश्य के लिए 32 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस केंद्र में एक समर्पित नशा निवारण केंद्र भी होगा। मंडी के नैरचौक में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है। सरकार से पोषित विद्यालयों में पढ़ने वाल छह से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को आयरन एवं फॉलिक एसिड की गोलियां वितरित कर रहे हैं।
क्रिटिकल केयर को 2.25 लाख
बजट में मुख्यमंत्री ने घोषण की है कि स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत कैंसर के मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर पैकेज की राशि 1.75 लाख से बढ़ाकर 2.25 लाख की गई है।
18 वर्ष तक के लिए फ्री इन्सुलिन
सरकारी अस्पतालों में 18 वर्ष तक के मरीजों को इन्सुलिन निःशुल्क प्रदान की जाएगी। टांडा और आईजीएमसी व नाहन में अमृत फार्मेसी स्टोर खोले जाएंगे।
सभी अस्पतालों में ऑनलाइन पर्ची
इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज पर सभी मुख्य अस्पतालों में ऑनलाइन रोगी पंजीकरण सेवा प्रारंभ की जाएगी। इसके साथ ही स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले अनुबंध डाक्टरों के भत्ते/परिलब्धियां बढ़ाकर सीधी भर्ती से आए प्रत्याशियों की छात्रवृत्ति के समान लाया जाएगा। सभी हिमोफिलिया के मरीजों को अस्पतालों में निर्धारित केंद्रों पर मुफ्त में एंटी हिमोफिलिक फैक्टर उपलब्ध करवाई जाएंगी।
आयुर्वेद विशेषज्ञ देंगे जानकारी
पाठशाला ग्रहण कार्यक्रम विभिन्न स्तर पर लागू किया जाएगा। प्रथम चरण में आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक जिले के विद्यार्थियों को, स्वास्थ्य प्रबंधन न कि रोग प्रबंधन, पर केंद्रित स्वस्थ जीवन शैली पर व्याख्यानों से अवगत करवाया जाएगा। दूसरे चरण में स्कूल के पास उपलब्ध खाली जमीन पर औषधीय पौधे उगाए जाएंगे।
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