आशाएं बढ़ाने वाला बजट

By: Mar 14th, 2017 12:02 am

( पिंकी रमौल लेखिका, पांवटा साहिब, सिरमौर से हैं )

सरकार को व्यय की संरचना एवं प्राथमिकताओं में आवश्यक परिवर्तन करना होगा। हिमाचल प्रदेश का 2017-18 का बजट प्रदेश के वित्तीय इतिहास में एक बेहतरीन एवं यादगार बजट बन सकता है, यदि इसके सफल क्रियान्वयन की ओर प्रदेश सरकार द्वारा उचित ध्यान दिया जाएगा…

माननीय मुख्यमंत्री द्वारा हिमाचल प्रदेश का रिकार्ड 20वां बजट पेश किया गया। यह उनके छठे मुख्यमंत्री कार्यकाल का अंतिम बजट है। यह बजट कई मायनों में महत्त्वपूर्ण माना जा रहा था। पहला तो यही कि गत वर्ष केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था, उसके बाद हिमाचली बजट में भी उसका असर दिखना स्वाभाविक था। इसके अलावा यह संभावना भी जताई जा रही थी कि आगामी वित्त वर्ष का बजट आर्थिक सुधारों की अपेक्षा चुनावी राजनीति से अधिक प्रेरित रहेगा, क्योंकि इस वर्ष के अंत में राज्य विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। परंतु माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट में राजनीतिक साहस तथा नई सोच से चुनाव में विकास एक मुख्य मुद्दा उभर कर सामने आ सकता है तथा पार्टी को विकास के मुद्दे पर प्रदेश सरकार में वापसी की एक राह दिख रही है। मुख्यमंत्री ने जहां एक ओर नोटबंदी के प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर हुए दुष्प्रभावों का जिक्र किया, वहीं दूसरी ओर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का स्वागत भी किया। उन्होंने इसमें ऐलान किया कि आबकारी और कराधान विभाग जीएसटी के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा, ताकि वस्तु एवं सेवा कर के क्रियान्वयन में कारोबारियों को कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े। हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयास से आज हमारे राज्य का सामाजिक विकास में संपूर्ण भारत वर्ष में एक उत्कृष्ट स्थान है और सरकार इसके लिए बधाई की पात्र है। सामाजिक विकास से प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की एक फौज तैयार हो गई है, जिसे रोजगार देना अत्यंत आवश्यक है, ताकि हम डेमोग्राफिक डिविडेंड का सही ढंग से फायदा उठा सकें। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिकीकरण व पर्यटन विकास अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। बजट में सरकार ने उद्योगों की पंजीकरण संबंधित प्रक्रियाओं को सरल व कम किया है, ताकि प्रदेश में निवेश में सार्थक बढ़ोतरी दर्ज हो सके व रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध हो सकें। सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र का एक मुख्य वादा पूरा करते हुए जमा दो पास तथा इसके ऊपर की योग्यता वाले बेरोजगार युवाओं को 1000 रुपए मासिक भत्ता देने की घोषणा की, जबकि इसी योग्यता के विकलांग बेरोजगार युवाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता मिलेगा। हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए पशु व मत्स्य पालन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, परंतु ये क्षेत्र वर्षों से सरकारी उपेक्षा का शिकार रहे हैं। इस वर्ष बजट में घोषित योजनाओं विकास को तीव्र गति देने में अत्यंत सहायक होंगी।

मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की गई है। कीवी फल को बंदर नहीं खाते तथा बाजार में भी इसका अच्छा दाम मिलता है। प्लास्टिक क्रेट पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा बाड़ हेतु उपदान राशि बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दी गई है। जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना बेहतरीन है, परंतु इस योजना के क्रियान्वयन पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है, ताकि यह मात्र एक कागजी योजना बन कर न रह जाए। जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने की  आवश्यकता है, ताकि प्रदेश के किसान एवं बागबान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में जैविक उत्पादों की बेहतर कीमत का लाभ उठा सकें। जब इस वर्ष के अंत में सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं को चुनावी प्रचार के लिए सड़कों की धूल  खानी पड़ेगी व अनेक गावों में पहुंचने के लिए आजादी के 69 वर्षों बाद भी पैदल यात्रा करनी पड़ेगी। तब शायद उन्हें परिवहन सुविधाओं व सड़कों का प्राथमिकताओं में पीछे रहने का मलाल हो। उत्तर प्रदेश के चुनावों में चाहे कोई भी पार्टी विजय हासिल करे, परंतु सभी यह तथ्य अवश्य मानेंगे कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा था। हिमाचल पथ परिवहन निगम को पहाड़ी सड़कों पर चलाने के लिए छोटी बसों के क्रय के लिए 50 करोड़ इक्विटी तथा 215 करोड़ का अनुदान के रूप में दिया गया है। इसके साथ ही बेरोजगार युवकों को 1000 नए बस परमिट जारी करने से परिवहन क्षेत्र में व्यापक सुधार आएगा और विशेषकर पिछड़े इलाकों में ओवरलोडिंग की समस्या से निजात मिल सकेगी व नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सड़क सुरक्षा के लिए किया गया आबंटन समस्या के आकार से बहुत कम है और इसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए। विधायक क्षेत्रीय विकास निधि योजना के अंतर्गत राशि में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मुद्रा-स्फीति के हिसाब से एक उचित कदम है। सरकार के कुल व्यय का महत्त्वपूर्ण भाग वेतन, पेंशन, ब्याज तथा ऋण की वापसी पर खर्च होता है, जिस कारण विकासात्मक कार्यों के लिए बहुत कम धनराशि बचती है। अतः व्यय की संरचना एवं प्राथमिकताओं में आवश्य परिवर्तन करना होगा। हिमाचल प्रदेश का 2017-18 का बजट प्रदेश के वित्तीय इतिहास में एक बेहतरीन एवं यादगार बजट बन सकता है, यदि इसके सफल क्रियान्वयन की ओर प्रदेश सरकार द्वारा उचित ध्यान दिया जाएगा।

ई-मेल:  tse.paonta@gmail.com

हिमाचली लेखकों के लिए

लेखकों से आग्रह है कि इस स्तंभ के लिए सीमित आकार के लेख अपने परिचय, ई-मेल आईडी तथा चित्र सहित भेजें। हिमाचल से संबंधित उन्हीं विषयों पर गौर होगा, जो तथ्यपुष्ट, अनुसंधान व अनुभव के आधार पर लिखे गए होंगे।

-संपादक


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App