एक रुपए के चूर्ण में निकला जिंदा कीड़ा

By: Mar 27th, 2017 12:07 am

newsशिमला  – बच्चे अक्सर स्कूल जाते हुए एक रुपए का चूर्ण दुकान से खरीद लेते हैं और बड़े चाव से खाते हैं। लेकिन बाजार मे बिना किसी कंपनी और मैनूफेक्वरिंग डेट अंकित किए बिना बेचे जा रहे इस उत्पाद से बच्चों के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी आंखे मूंदे बैठा है। दरअसल बच्चों को दुकानों तक खींचने के लिए दुकानदार कुछ ऐसे उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं जो केवल सादे प्लास्टिक में पैक होते हैं और उन पर किसी भी कंपनी का कोई मार्क नहीं होता और न ही उस पदार्थ की पैकिंग और एक्सपायरी डेट को लेकर कोई जानकारी दी होती है। रविवार को शिमला के साथ लगते शनान क्षेत्र में एक अभिभावक ने अपने बच्चे के लिए एक दुकान से इसी तरह का चटपटे चूर्ण का एक पैकेट खरीदा। इसकी कीमत महज एक रुपए थी, लेकिन जैसे ही घर जाकर इस पैकेट को खोला तो इसमे से एक कीड़ा रेंग कर बाहर निकला। अभिभावक यह देख कर दंग रह गए। दरअसल यह एक चूर्ण के पैकेट की बात नहीं है। बाजार में ऐसे सैकड़ों उत्पाद हैं, जिनसे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ हो रहा है। इनमें आम पापड़, चूर्ण, जैली, कुल्फी , कोकोनट कैंडी, इमली समेत कई ऐसे पदार्थ हैं जिनकी कीमत एक या दो रुपए होती है, लेकिन यह किस कंपनी ने बनाई है और इसे किन पदार्थों से तैयार किया गया है। इसे लेकर इन पदार्थों की पैकिंग के बाहर कोई जानकारी नहीं होती। जब इस बारे में संबंधित दुकानदारों से पूछा जाता है तो अक्सर जवाब मिलता है कि यह तो ऐसे ही बच्चों के लिए बनाई जाती है। इसमें कुछ खास मिलावट नहीं होती है। फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर अशोक मिंगला ने कहा कि बिना एक्सपायरी डेट और मैन्यूफैक्च्रिंग डेट के समान बेचना कानूनी अपराध है। ऐसी मिठाइयों के सैंपल लिए जाएंगे और मामले की जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।


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