कमेटी की रिपोर्ट के बाद भी विद्ड्रा नहीं हुई दवा

By: Mar 26th, 2017 12:01 am

टांडा में आंखों के आपरेशन का मामला

शिमला – टांडा मेडिकल अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखें खराब होने के मामले में गठित कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को फरवरी के पहले सप्ताह में सौंप दी थी, लेकिन अभी  तक सरकार ने इस रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल नहीं किया है। कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसके मुताबिक आपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में समस्या होने का मुख्य कारण ट्राइपैन ब्लू डाय रहा  था। इसलिए कमेटी ने इस दवा को तुरंत अस्पतालों और मार्केट से विद्ड्रा करने की सिफारिश की है। अधिकारियों का तर्क है कि अभी एक टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है, उसके बाद ही दवा को बाजार से हटाने पर फैसला हो सकेगा। कमेटी ने सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें कहा है कि 14 दिसंबर, 2016 को टांडा में जो आपरेशन किए गए थे, उसकी जांच में पाया गया कि आपरेशन करने के लिए तय नियमों का पालन किया गया था। 14 दिसंबर को टांडा में ईशा, त्रिलोक चंद, संजीवन लाल, ख्याति लाल, गीता व झिकरी देवी का आपरेशन किया गया। झिकरी का आपरेशन चोट के लिए किया गया था, जबकि बाकियों ने मोतियाबिंद का आपरेशन करवाया था।  इनमें से ख्याति लाल, ईशा, त्रिलोक चंद को पहले दिन ठीक दिख रहा था, इसलिए उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन गीता को आंखों में दर्द होने लगा। इसके चलते उसे अस्पताल में दाखिल कर दिया गया। चिकित्सकों को मरीज की आंखों में इंडोपथाल्मिस्ट (आंखों में होने वाला संक्रमण) के लक्ष्ण दिखाई दिए। इसलिए बाकी मरीजों को भी वापस अस्पताल चैकअप के लिए बुलाया गया। चैकअप के दौरान पांच मरीजों में इसी संक्रमण के लक्षण पाए गए, जबकि छठी मरीज झिकरी देवी में यह संक्रमण नहीं हुआ था। दरअसल आपरेशन के दौराने जिन दवाओं का प्रयोग किया गया था, उनमें ट्रायपन ब्लू नामक दवा का प्रयोग झिकरी के अलावा अन्य सभी पांच मरीजों की आंखों में किया गया। इसके बाद पांच मरीजों को पीजीआई रैफर किया गया, लेकिन कुछ मरीजों ने मारंडा अस्पताल में इलाज करवाया। इसके बाद फरवरी, 2016 में मैन्युफेक्चरिंग और जनवरी, 2016 में एक्सपायर होने वाले ट्रायपैन ब्लू सोल्यूशन को कई बार जांच के लिए लैब भेजा गया। इस जांच में संक्रमण के लिए इसी सोल्यूशन को जिम्मेदार बताया गया। इस आधार पर जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में फरवरी, 2016 में मैन्युफेक्चरिंग और जनवरी, 2016 में एक्सपायर होने वाले ट्रायपैन ब्लू सोल्यूशन को मार्केट और अस्तपालों से वापस मंगाने की सिफारिश की थी। इसके अलावा कमेटी ने सभी पांच मरीजों के निःश्ुल्क इलाज की भी सिफारिश की है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App