काम प्रिंसीपल का सैलरी लेक्चरर की
मंडी— वर्ष 2013 के बाद प्रदेश के 1200 प्रधानाचार्यों को पदोन्नति के उपरांत कुर्सी तो मिल गई है, लेकिन वित्तीय लाभ नहीं मिल पाया है। आलम यह है कि स्कूल प्रधानाचार्य काम स्कूल मुखिया के रूप में कर रहे हैं, वहीं वेतन प्रवक्ता व मुख्याध्यापक का दिया जा रहा है। प्रदेश के करीब 1200 प्रधानाचार्य अक्तूबर, 2013 के बाद प्लेसमेंट के आधार पर पदोन्नत होने के बाद नियमित होने का इंतजार करीब साढ़े तीन वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन पदोन्नत प्रधानाचार्यों को आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है। प्रदेश मुख्याध्यापक एवं प्रधानाचार्य संवर्ग वर्ग के प्रधान राजेश कुमार गुप्ता, प्रदेश उपप्रधान महेंद्र सिंह, जिला महासचिव प्रकाश वर्मा, प्रदेश वित्त सचिव सत्य प्रकाश शर्मा, प्रदेश महिला प्रधान सोमा राणा, जिला महासचिव प्रकाश वर्मा सहित अन्य ने बताया कि करीब साढ़े तीन वर्षों से प्रधानाचार्यों को मुख्याध्यापक व प्रवक्ता के पद का ही वेतन मिल रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मुख्याध्यापकों और प्रवक्ताओं का प्रधानाचार्य पद के लिए पदोन्नति कोटा 60ः40 किया जाए।
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