गुरुजी गायब…बच्चें के बुरे हाल
कांगड़ा-हमीरपुर-चंबा जिलों के 791 स्कूलों में 41 हजार छात्रों की परख करने निकली टीम
शिमला — शिक्षा में बेहतर प्रयासों के लिए कुछ समय पहले ही प्रदेश को सम्मानित किया गया है। इस हिसाब से प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सब कुछ नहीं, तो काफी कुछ सही होना चाहिए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, हमीरपुर और चंबा में किए गए स्कूलों के निरीक्षण में शिक्षा का सच उभर कर सामने आया है। इन तीन जिलों में 791 स्कूलों में करीब 41 हजार छात्रों की पढ़ने और समझाने की क्षमताओं को परखा गया, लेकिन निरीक्षण के दौरान सामने आया कि तीन जिलों में महज सात ब्लॉक के बच्चे ही ए और बी ग्रेड प्राप्त कर पाए। ए और बी ग्रेड प्राप्त करने वालों में चंबा के सुंडला, कांगड़ा के पंचरुखी, पालमपुर, लंबागांव, हमीरपुर के भोरंज और बिझड़ी के छात्र शामिल हैं, जबकि चंबा के सिंहुता, खलेल और चुवाड़ी और कांगड़ा के इंदौरा में परिणाम काफी खराब आंके गए हैं। इंदौरा में तो हाल यह था कि 25 फीसदी बच्चों को हिंदी में ई ग्रेड मिला है, जबकि नादौन में 24 फीसदी बच्चों को हिंदी में ई-ग्रेड मिला है। वहीं कक्षाओं के निरीक्षण के दौरान भी कई खामियां सामने आई हैं। इसमें जहां कई अध्यापक स्कूलों से गायब पाए गए, वहीं कई विभाग की ओर से जारी शिक्षा प्लान का उल्लंघन करते पाए गए। इसमें कुछ कक्षाओं में एक्टिविटी लर्निंग के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।
टायलट्स की हालत खराब
स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्कूलों में छात्रों को इस अभियान से जोड़ने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कुछ स्कूलों में शौचालयों तक को साफ नहीं किया जाता। विभाग की ओर से किए गए औचक निरीक्षण के दौरान सामने आया कि फतेहपुर के रींघ और गरोला के कुलेठ में छात्र और छात्राओं के लिए अलग शौचालयों की व्यवस्था नहीं है, जबकि हमीरपुर के स्वाहाल, गलोर के अप्पर बेहा, फतेहपुर के रिंघ, हंब, भवारना, हरदारसपुरा के बैख्ली, तीसा के देहगरान और सारांगर, गगरेट के कुठेरा, लंबागांव के बैरघाटी, सिहोरबाला, हलेर, साई बरौथा में शौचालयों की हालत काफी खराब थी।
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