जिला परिषदों-बीडीसी को 42 करोड़ की पावर

By: Mar 11th, 2017 12:40 am

newsशिमला — 14वें वित्तायोग द्वारा जिला परिषदों व बीडीसी से छीनी गई वित्तीय शक्तियों को प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर वापस दे दिया है। काफी समय से इनके नुमाइंदे इसका विरोध कर रहे थे। सरकार ने उनकी वित्तीय शक्तियां बहाल करते हुए उन्हें 42 करोड़ रुपए की राशि इस बजट में रखी है। इसके साथ प्रदेश सरकार अब ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस तथा तरल कचरा प्रबंधन कार्यान्वित करने पर जोर देगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत, स्वयं सहायता समूहों को ब्याज अनुदान दिया जाता है, ताकि उन्हें सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण मिल सके। इसके अतिरिक्त शीघ्र ऋण अदायगी पर उन्हें तीन प्रतिशत का ब्याज उपदान दिया जाता है। योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थियों को शामिल नहीं किया जाता है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आजीविका योजना शुरू

बजट में मुख्यमंत्री ग्रामीण आजीविका योजना प्रारंभ करने की घोषणा की गई है, जिसमें व्यक्तिगत लाभार्थियों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की पद्धति पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा। वर्ष 2017-18 में इस योजना के लिए 10 करोड़ का बजट परिव्यय रखा गया है। इसके अलावा सड़कों पर बहने वाले जल का संग्रह करने के लिए इनके समीप जल संरक्षण संरचनाओं का मनरेगा तथा जलागम परियोजनाओं में निर्माण किया जाएगा।  मनरेगा के अंतर्गत पानी के टैंकों के निर्माण को प्रथम वरीयता दी जाएगी।

कांगड़ा में जिओ टैगिंग का काम पूरा

मरनेगा की परिसंपत्तियों की सूचना रख-रखाव हेतु भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा चित्रों की जिओ टैगिंग कर उन्हें परिसंपत्तियों के साथ सामेकित किया जा रहा है। कांगड़ा प्रदेश का पहला जिला है जहां जिओ टैगिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्ष 2017-18 में अन्य जिलों में भी मनरेगा परिसंपत्तियों की जिओ टैगिंग की जाएगी।

घर निर्माण भी जुड़ेगा जिओ टैग से

प्रदेश सरकार राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अन्य योजनाओं के तहत घर निर्माण को स्वीकृति प्रदान करती है। अब सरकार ने घोषणा की है कि भविष्य में विभिन्न योजनाओं में निर्मित घरों को जिओ टैग किया जाएगा। लाभार्थी निर्माण चरण के चित्रों को अपलोड करेंगे। विभाग इसी आधार पर लाभार्थी के बैंक खाते में भुगतान करेगा।


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