टीएमसी में तीमारदार बने वार्ड ब्वाय!

By: Mar 7th, 2017 12:15 am

अस्पताल में स्टाफ की कमी के चलते लोगों को दिक्कत

newsटीएमसी – स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बावजूद प्रदेश का दूसरा बड़ा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा वार्ड ब्वाय की कमी से जूझ रहा है। इस कारण यहां मरीजों के साथ हाए तीमारदारों को ही वार्ड ब्वाय का काम करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार लगभग 700 बैडिड इस अस्पताल में मात्र 20 वार्ड ब्वाय हैं। यानी एक शिफ्ट में सिर्फ सात लोग। हैरानी की बात यह है कि टीएमसी में अक्तूबर, 2016 में हुई आरकेएस की मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में फैसला हुआ था कि यहां वार्ड ब्वाय की भारी कमी और उनकी महता को देखते हुए 50 और पद भरे जाएंगे, लेकिन यह फैसला फाइलों में दब कर रह गया। लगभग पांच माह बाद भी इस मामले में कुछ नहीं हो सका। नतीजतन वार्ड ब्वाय के सारे काम यहां मरीजों के साथ आने वाले लोगों को करने पड़ते हैं, क्योंकि उन्हें अस्पताल की पूरी जानकारी नहीं होती, ऐसे में वे यहां-वहां मारे-मारे फिरते हैं। बता दें कि वार्ड ब्वाय किसी भी अस्पताल में अहम कड़ी होते हैं। उनका काम अटेंडेंट की गैरमौजूगी में मरीज का ध्यान रखना, मरीजों को आपरेशन थियेटर तक लाना-ले जाना, डाक्टर को बुलाना, ड्रेसिंग ट्राली लेकर चलना, स्टोर से सामान और सिलेंडर लाना आदि होता है। अब  एक शिफ्ट में लगभग सात लोग ड्यूटी देते हैं, तो ये सारे काम तीमारदारों को करने पड़ते हैं। नियमों के अनुसार  20 बैड पर 10 वार्ड ब्वॉय होने चाहिएं।

अरसे से की जा रही पद भरने की मांग

अस्पताल प्रशसन की ओर से काफी समय से सरकार से वार्ड ब्वाय की मांग की जा रही है। पहले तो इनकी संख्या मात्र 15 थी। दो साल पहले पांच और लोग रखे गए थे। तब से ऐसे ही काम चलाया जा रहा है। जब से सरकार ने अस्पतालों में फोर्थ क्लास की पोस्ट खत्म हुई हैं, तब से वार्ड ब्वाय का रोल और अहम हो गया है।


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