टीबी के खिलाफ दौड़ में सबसे आगे ‘हम’
देश भर का पहला जीन एक्सपर्ट मशीन राज्य बना हिमाचल, हर जिला में सुविधा
मंडी — ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ का नारा हिमाचल सार्थक कर रहा है। टीबी (ट्यूबरक्यूलॉसिस) के खिलाफ जंग लड़ने में हिमाचल देश का नंबर वन राज्य बनने जा रहा है। देवभूमि के लगभग हर जिला में जीन एक्सपर्ट मशीन स्थापित हो चुकी हैं और हिमाचल यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का पहला राज्य होगा। कुल्लू और लाहुल-स्पीति में यह मशीन नहीं थी, लेकिन दोनों जिलों के लिए भी जीन एक्सपर्ट मशीन अलॉट हो चुकी है। इस मशीन की खासियत यह है कि लोगों को लैब से रिपोर्ट के लिए अब महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता। पहले जहां बीमारी का पता लगाने में ही महीनों का वक्त लग जाता था और समय पर इलाज शुरू न होने के चलते मरीज दम तोड़ देते थे, लेकिन अब हर जिला में जीन एक्सपर्ट मशीन की सुविधा मिलने से चंद घंटों में ही बीमारी डाइग्नोज हो जाती है। हिमाचल में शुरुआती दौर में यह मशीन लगाने की कीमत एक करोड़ के आसपास थी, लेकिन अब यह मशीन 30 से 40 लाख में उपलब्ध हो रही है। इसके अलावा टीबी टेस्ट की राज्य स्तरीय लैबोरेटरी (इंटरमीडिएट रैफरेंस लैब) धर्मपुर में भी स्थापित है। उधर इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. अक्षय मिन्हास का कहना है कि ‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ का नारा प्रदेश सार्थक कर रही है। लगभग हर जिला में जीन एक्सपर्ट मशीन स्थापित करने वाला हिमाचल पहला राज्य बन गया है। पहले कुल्लू-लाहुल-स्पीति में ये मशीन नहीं थी, परंतु अब इन जगहों के लिए भी मशीनें अलॉट करवाई जा चुकी हैं।
‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’
एक साथ चार लोगों के टेस्ट
जीन एक्सपर्ट मशीन में सीबीनॉट तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसकी खासियत यह है कि एक साथ चार लोगों के टेस्ट लिए जाते हैं। दो घंटे बाद ही रिपोर्ट आपके हाथ में होती है। बीमारी डाइग्नोज होने में ही जहां इतना वक्त लगता था, अब इस तकनीक से घंटों में रिपोर्ट सामने आती हैद्ध।
वाह! महीनों का रिजल्ट दो घंटे में
टेस्ट के बाद दो घंटे में ही तय हो जाता है कि टीबी के मरीज को रिंफसिन (शुरुआती दवा) असर करेगी या नहीं और मरीजी एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट) तो नहीं है। इससे पहले होने वाले प्रोसेस में दो माह बाद पता चलता था कि रोगी पर दवाएं असर कर रही हैं या नहीं।
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