तीन गुना बढ़ेगी जजों की सैलरी

By: Mar 27th, 2017 12:02 am

केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

नई दिल्ली —  न्यायपालिका और केंद्र में टकराव देखा जाता रहा हो, लेकिन जजों की सैलरी में इजाफे के मामले में दोनों एक राय पर सहमत हो गए। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की सैलरी करीब तिगुनी करने की बात कही गई है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायिक क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक लाख रुपए प्रति महीने सैलरी पाते हैं। इसमें महंगाई और दूसरे भत्ते शामिल नहीं हैं। अब सीजेआई का वेतन बढ़कर 2.8 लाख प्रति महीना हो सकता है। इसका अलावा उन्हें आधिकारिक आवास, गाडि़यां, स्टाफ और दूसरे भत्ते भी मिलेंगे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जजों और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की सैलरी 2.5 लाख रुपए हो जाएगी, जो कैबिनेट सेक्रेटरी स्तर के कर्मचारियों, सर्विस चीफ और सीएजी और सीईसी के चीफ के बराबर है। इसमें भत्ते शामिल नहीं हैं। इसी तरह हाई कोर्ट के जजों की सैलरी बढ़कर 2.25 लाख रुपए प्रति महीने हो जाएगी, जिसमें भत्ते शामिल नहीं हैं। हाई कोर्ट के जजों की सैलरी केंद्र के सेक्रेटरी लेवल के अधिकारियों के बराबर हो जाएगी। सरकार ने वेतन बढ़ाने की सुप्रीम कोर्ट की समिति की सिफारिशों को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है। तीन जजों की समिति ने भत्तों और दूसरी सुविधाओं के अलावा सीजेआई की सैलरी तीन लाख रुपए से ज्यादा करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने सीजेआई की सैलरी 2.8 लाख रुपए प्रति महीने तय की है, जो कैबिनेट सेक्रेटरी की सैलरी से थोड़ा ज्यादा है। जजों के पैनल ने सेवानिवृत्त जजों की पेंशन में भी काफी इजाफा करने की सिफारिश की थी। तीन जजों की समिति ने कुछ महीने पहले ही सरकार को अपनी सिफारिशे सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक, जजों की सैलरी बढ़ाने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द ही मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्री जजों की सैलरी में संशोधन संबंधी विधेयक संसद में पेश करेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की सैलरी हर दस साल पर संशोधित होती है।


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