देश से 2025 तक मिटेगी टीबी
कई देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में जेपी नड्डा के बोल
शिमला — सरकार 2025 तक देश से तपेदिक बीमारी खत्म करने के लिए उच्च प्रभावी कार्रवाई करने के लिए संकल्पबद्ध है। इस सफलता के लिए अपने राष्ट्रीय प्रयासों को लागू करने पर नया बल देंगे। ये शब्द केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को तपेदिक बीमारी (टीबी) पर विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्रीय देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में कहे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत को राजनीतिक और वित्तीय संकल्प के माध्यम से 11 सदस्यों वाले डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र (एसईएआर) में तपेदिक बीमारी समाप्त करने की दिशा में अग्रणी सुझाव देने के लिए याद किया जाएगा। बैठक में डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र तथा पश्चिम प्रशांत क्षेत्र देशों बांग्लादेश, भूटान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड तथा तिमोरलेस्ते के स्वास्थ्य मंत्री उपस्थित थे। जेपी नड्डा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देश तपेदिक बीमारी से बेहिसाब प्रभावित हैं। औषधि प्रतिरोधी तपेदिक बीमारी बड़ी समस्या है और हमारी बड़ी आबादी को प्रभावित कर रही है। भारत की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि भारत में 2025 तक देश से तपेदिक की बीमारी समाप्त करने का लक्ष्य रखा है और इस संबंध में तेजी से काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत में तपेदिक मामले की अधिसूचना को अनिवार्य बना दिया गया है। एचआईवी बीमारी वाले टीबी के 92 प्रतिशत रोगियों का एंटीरेट्रोवायरल उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 500 से अधिक सीबीएनएएटी मशीनें एक वर्ष में लगाई गई हैं। इससे गुणवत्ता संपन्न रोग की पहचान होती है। इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम क्षेत्रपाल सिंह ने कहा कि क्षेत्र में अधिक मृत्यु तपेदिक बीमारी से होती है। टीबी को प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य समस्या और विकास का विषय बनाने की आवश्यकता है।
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