नारी के दम पर हिमाचल की दावेदारी

By: Mar 8th, 2017 12:15 am

शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा, किसानी-बागबानी में भी आगे

शिमला – दूसरे विकसित देशों की भांति कार्य क्षेत्र भारत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के मुकाबले भले ही कम हो, लेकिन पिछले कुछ समय में यह तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में कार्य क्षेत्र में हिमाचल में महिलाओं की 18.8 फीसदी भागेदारी है। एक अनुमान के मुताबिक पंजाब में यह 2.7 व हरियाणा में 4.69 के करीब है। ऐसे में हिमाचल में महिलाओं की भागेदारी कहीं अधिक है। कार्य क्षेत्र के मामले में प्रदेश में महिलाओं की सबसे अधिक भागीदारी शिक्षा के क्षेत्र में है। शिक्षा में करीब 32 फीसदी महिलाएं कार्यरत हैं, बाकी क्षेत्रों जैसे नर्सिंग, सामाजिक कार्यकर्ता व अन्य तथा निजी क्षेत्र में 30 फीसदी महिलाएं काम कर रही हैं। कृषि क्षेत्र की बात करें तो कृषि क्षेत्र का जिम्मा भी आधी आबादी बखूबी निभा रही है। कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान 50.03 फीसदी बताया जाता है। 2001 में पंजीकृत कर्मचारियों की कुल संख्या 29 लाख 92 हजार 461 थी। इसमें से महिलाएं 13 लाख पांच हजार 803 थी, जो 44 फीसदी के करीब था। इसके बाद महिला शिक्षा और सरकार की ओर से महिला कल्याण को लेकर चलाई जा रही योजनाओं के चलते महिलाएं काम करने के लिए अधिक मात्रा में आगे आने लगीं। 2011 की जनगणना के मुताबिक 35 लाख 59 हजार 422 पंजीकृत कुल कर्मचारियों में महिलाओं की संख्या 15 लाख 16 हजार 49 है, जो कुल श्रम का 42.60 प्रतिश है। राजनीति के क्षेत्र में भी महिलाएं आगे बढ़ रही है। पंचायती राज संस्थाओं में 58 फीसदी पर महिलाओं का कब्जा है।

सिनेमा से सरहद तक  ऐसी धाकड़ है…

newsशिमला — प्रदेश की महिलाएं आज हर क्षेत्र में अन्य राज्यों की महिलाओं की तरह ही बेहतर प्रदर्शन कर प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। प्रदेश की महिलाओं ने हर विभाग हर क्षेत्र में एक अलग पहचान और छाप छोड़ी है। फिर चाहे बात पुलिस विभाग की हो, खेलकूद, शिक्षा विभाग या फिर सिनेमा से जुड़े क्षेत्र की। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की बेटी अभिलाषा हाल ही में त्रिपुरा हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनी हैं। हिमाचल के हर विभाग और क्षेत्र में प्रदेश की काबिल बेटियों ने बागडोर संभाली है और अभी भी संभाल रही हैं। हिमाचल से अगर प्रथम महिला सैन्य अधिकारी की बात की जाए तो इसमें शामिल हैं शिमला की रहने वाली प्रिया झींगल। उन्हें सेना में पहली महिला मेजर बनने का गौरव भी प्राप्त है। युवा सेवाएं एवं खेल विभाग की संयुक्त निदेशक सुमन रावत हिमाचल की पहली महिला धावक के रूप में पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बना चुकी है। अर्जुन अवार्ड से सम्मानित होने वाली पहली महिला का गौरव भी इन्हें प्राप्त है। बॉक्सिंग में हिमाचल का नाम शशिकला नेगी ने चमकाया है। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का बॉक्सिंग में प्रतिनिधित्व किया है। हिमाचल की पहली महिला आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री हैं। प्रथम मुख्य सचिव का गौरव आशा स्वरूप और प्रदेश की पहली स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर हैं। पहली विस महिला विद्या स्टोक्स और माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली प्रथम महिला कुल्लू की बछेंद्री पाल को प्राप्त हुआ है। हिमाचल में महिलाओं में पहली स्वतंत्रता सेनानी सरला शर्मा रहीं। इन्होंने 19 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। हिमाचल से सिनेमा जगत में नाम कमाने वाली अभिनेत्रियों के नाम सबसे पहला नाम प्रिटी जिंटा है। हमीरपुर की कंगना रणौत अंतराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हैं।

क्रिकेट में मिसाल समरहिल की सुषमा वर्मा

newsशिमला – जिला शिमला से ताल्लुक रखने वाली सुषमा वर्मा ने क्रिकेट जगत में प्रदेश का नाम रोशन किया है। सुषमा वर्मा ने हाल ही में खेले गए टी-20 और एक दिवसीय मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम की जीत में अहम योगदान दिया। सुषमा वर्मा ने वर्ष 2003 में पहली बार इंडिया वूमन टीम में जगह बनाई थी। उन्होंने पहला मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ खेला। वह अब तक दस एकदिवसीय मुकाबले, टी-20 और कई मुकाबले खेल चुकी हैं।

48 को रोजगार

शिमला — प्रदेश की 48 महिला खिलाडि़यों ने स्पोर्ट्स कोटे के तहत विभिन्न विभागों में रोजगार हासिल किया है। खिलाडि़यों ने वर्ष 2012 से 2016 के दौरान यह रोजगार हासिल किया। इसकी पुष्टि खेल विभाग की संयुक्त निदेशक सुमन रावत ने की है।

लेखिकाएं एकजुट

शिमला — अखिल विश्व आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाता है। शशि ठाकुर, निदेशक, भाषा एवं संस्कृति ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर भाषा एवं संस्कृति विभाग ने राज्य स्तरीय महिला लेखिका सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है।


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