नाहन मेडिकल कालेज को दो करोड़

By: Mar 24th, 2017 12:07 am

newsनाहन —  शीघ्र ही डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज नाहन की ओपीडी में मरीजों के लिए टोकन सिस्टम शुरू होगा। इसके अलावा मेडिकल कालेज में उपचार के लिए दाखिल मरीजों के तीमारदारों के लिए वेटिंग हॉल का भी निर्माण किया जाएगा। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने मेडिकल कालेज नाहन की पहली रोगी कल्याण समिति की गवर्निंग वॉडी की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज का कार्य तेजी से चल रहा है तथा सरकार का प्रयास है कि एक वर्ष की अवधि के भीतर मेडिकल कालेज के भवन के निर्माण की प्रक्रिया भी पूरी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए मेडिकल कालेज की रोगी कल्याण समिति का दो करोड़ पांच लाख का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया। कौल सिंह ठाकुर ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष काउंटर स्थापित किए जाएं, ताकि उन्हें लाइनों में खड़ा न होना पड़े। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग ओपीडी का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज में पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह मेडिकल कालेज कैंपस के समीप एक ट्यूवबेल की व्यवस्था करें जिसकी सप्लाई पूर्ण रूप से मेडिकल कालेज के लिए की जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आगामी वर्ष से आईजीएमसी की तर्ज पर यूजर चार्जिज नहीं लिए जाएंगे और वर्तमान यूजर चार्जित में कोई बढ़ौतरी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि नाहन अस्पताल में शीघ्र ही एमआरआई सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल के तीन प्रमुख  रेडियोलॉजिस्ट, शिशु रोग और स्त्री रोग अनुभाग को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि मई, 2016 में ओपीडी में रोगियों की संख्या 16492 से बढ़कर फरवरी, 2017 में 27689 हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन एवं नगर परिषद को निर्देश दिए कि मेडिकल कालेज के लिए अतिरिक्त 14 एकड़ भूमि को शीघ्र स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कायाकल्प नामक एक योजना आरंभ की गई है, जिसके अंतर्गत बेहतर सफाई व्यवस्था वाले अस्पतालों को 50 लाख की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाएगी, जिसमें दूसरा पुरस्कार 20 और तृतीय पुरस्कार तीन-तीन लाख का पुरस्कार दिया जाएगा। इस वर्ष कायाकल्प योजना के तहत जिला अस्पताल किन्नौर को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया तथा रोगियों का कुशलक्षेम पूछा। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि चिकित्सकों की सेवाएं प्रशासन के कार्य में न ली जाए, बल्कि उनकी सेवाएं ओपीडी इत्यादि में ली जाएं। सरकार द्वारा अस्पताल का प्रशासनिक कार्य देखने के लिए संयुक्त निदेशक प्रशासन की नियुक्ति की गई है। बैठक में स्थानीय विधायक डा. राजीव बिंदल, उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया, अतिरिक्त उपायुक्त हरबंस नेगी, संयुक्त निदेशक दीप्ती मंडोत्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय शर्मा, अजय सोलंकी, अध्यक्ष नगर परिषद अनिता , रोगी कल्याण समिति के सदस्य सूरत पुंडीर, डा. सबलोक, नसीम दीदान, अमृत लाल गर्ग के अतिरिक्त अन्य सरकारी एवं गैर सदस्यों ने भाग लिया।

मंत्री से मिले आयुर्वेद चिकित्सक-फार्मासिस्ट

सराहां – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सक व फार्मासिस्ट व महिला कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल डा. सचिन भंडारी की अगवाई में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर से मिला। इसमें उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन स्वास्थ्य मंत्री को दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत नियुक्त किए गए चिकित्सक व अन्य कर्मचारी दूरदराज के ग्रामीण इलाके में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके लिए कोई ठोस नीति बनाई जाए।


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