पंजाबी शिक्षकों को नौ माह से नहीं मिली पगार
जवाली – प्रदेश भर के स्कूलों में कार्यरत पंजाबी शिक्षकों को करीब नौ माह से पगार नहीं मिली है। इस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंजाबी अध्यापकों गुरप्रीत कौर, बबिता, सिंपल इत्यादि ने कहा कि वर्ष 2010 में प्रदेश सरकार ने प्रदेश के चुनिंदा स्कूलों में पंजाबी शिक्षा को शुरू किया था, जिसके तहत पंजाबी अध्यापकों की नियुक्ति भी की गई। पंजाबी अध्यापकों को जून, 2016 के उपरांत सैलरी ही नहीं दी गई है। जिला कांगड़ा में ही करीब 18 स्कूलों में पंजाबी अध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अब सरकार ने करीब छह साल से कार्यरत पंजाबी अध्यापकों को भी टेट पास करने का फरमान जारी कर दिया है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। टेट के लिए बीएड का होना अनिवार्य है, लेकिन ज्यादातर अध्यापक एमए पंजाबी हैं या फिर पंजाबी में ज्ञानी पास हैं। पंजाबी अध्यापकों ने मांग की है कि उन्हें नौ माह की सैलरी अतिशीघ्र दी जाए तथा कार्यरत पंजाबी अध्यापकों के लिए टेट की शर्त हटाई जाए। मुख्य संसदीय सचिव (शिक्षा विभाग) नीरज भारती ने कहा कि इस बारे में शिक्षा विभाग में बात की जाएगी कि किन कारणों के चलते पंजाबी अध्यापकों को वेतन नहीं मिला है।
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