पक्ष-विपक्ष का रवैया एक जैसा

By: Mar 17th, 2017 12:01 am

भूमि हस्तांतरण मुद्दे पर किसान सभा ने उठाए सवाल

शिमला —  विधानसभा में भूमि स्थानांतरण पर उठे विवाद के बीच हिमाचल किसान सभा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों को आड़े हाथ लिया है। किसान सभा का आरोप है कि भूमि के मामले में दोनों दलों का रुख सत्ता में रहते और सत्ता के बाहर भिन्न होता है। विधानसभा में उठे भूमि हस्तांतरण विवाद और पुजारली में भूमि लीज में ज्यादा अंतर नहीं है। एक जगह कांग्रेस सरकार ने जमीन ट्रस्ट को दी और दूसरी भाजपा सरकार ने। प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कांग्रेस-भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि धार्मिक ट्रस्टों के प्रति उदारता दिखाने वाले और उनके लिए चिंतित होने वाले ये दल किसानों की बेदखली, उनके पेड़ काटे जाने और उनके घरों को गिराने के नोटिस देने, उनके बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के प्रति निष्ठुरता से कोर्ट के आदेशों की आड़ लेकर पल्ला झाड़ने का प्रयास करते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ये राजनीतिक दल सिर्फ वोट और लोकप्रियता की राजनीति करते हैं। प्रदेश की भूमि बचाने या लोगों के हित में कोई मुद्दा उठाने की इनकी मंशा नहीं होती। श्री तंवर ने कहा कि किसान सभा ने दो साल पहले इसी तरह का मामला कुसुम्पटी विस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुजारली गांव का भी उठाया है, जहां एक धार्मिक ट्रस्ट को कौडि़यों के भाव में 112 बीघा जमीन दे दी गई। इसमें स्थानीय ग्रामवासियों के चरांद के पुश्तैनी हक थे और उस भूमि पर हज़ारों की संख्या में छोटे पेड़ लगे हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि तथाकथित ट्रस्ट ने सरकार से यह कहकर जमीन लीज पर ली थी कि ट्रस्ट की ओर से वहां पर जन कल्याण के लिए स्कूल और अस्पताल बनाया जाएगा। इसमें स्थानीय लोगों का मुफ्त इलाज होगा और स्कूल में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी, लेकिन जमीन कब्जे में आते ही ट्रस्ट ने 1918 में रियासत के समय से बने रास्ते को जनता के लिए बंद कर दिया था।


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