प्रदेश को बांटने में लगी कांग्रेस

By: Mar 8th, 2017 12:01 am

नेरवा,  चौपाल —  प्रदेश की कांग्रेस सरकार आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी हार देख मानसिक संतुलन खो बैठी है व नए-नए हथकंडे अपना कर प्रदेश को गर्त में धकेलने में जुटी है, परंतु प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस खेल को समझ चुकी है। धर्मशाला को हिमाचल जैसे छोटे से प्रदेश की दूसरी राजधानी घोषित करना इसी का एक हिस्सा है। यह बात बीते विधानसभा चुनावों में चौपाल से भाजपा प्रत्याशी रही। प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट सीमा मेहता ने नेरवा में एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेश के बीस करोड़ लोगों के लिए लखनऊ एक मात्र राजधानी है, जबकि पंजाब व हरियाणा जैसे विकसित दो राज्यों की चंडीगढ़ संयुक्त रूप से एक ही राजधानी है। अंग्रेज भी शिमला से अफगानिस्तान तक एक ही राजधानी से राजकीय कार्य चलाते थे। ऐसे में हिमाचल जैसे छोटे से राज्य में दो राजधानियों का निर्णय कतई भी तर्कसंगत नहीं है। प्रदेश में सभी विकासात्मक कार्य ठप्प पड़े हैं। दूसरी राजधानी बनाने के निर्णय से जनता पर एक और अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया है। सीमा मेहता ने कहा कि सरकार प्रदेश को डुबाने में जुटी है। प्रदेश पर पहले ही 45 हजार करोड़ से अधिक कर्ज है। ऐसे में सरकार जनविरोधी फैसले लेकर प्रदेश को और अधिक कर्ज में जुटाने का कार्य कर रही है। इस समय 35 हजार आउट्सोर्स, पांच हजार  ग्रामीण रोजगार सहायक एवं पंचायत सहायक व पांच हजार से अधिक पीटीए व एसएमसी शिक्षक ऐसे हैं जो मात्र पांच हजार रुपए से लेकर 14 हजार रुपए तक के मासिक वेतन पर कार्य कर रहे हैं। सरकार के दूसरी राजधानी बनाने के निर्णण से इस 45 हजार कर्मचारियों की भावनाएं आहत हुई है। भाजपा नेत्री सीमा नें कहा कि प्रदेश की जनता सरकार द्वारा लिए जा रहे इस तरह के निर्णयों से त्रस्त आ चुकी है। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना ही पडे़गा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App