बस अड्डे को दान की जमीन लीज पर

By: Mar 10th, 2017 12:02 am

चिंतपूर्णी बस स्टैंड का मामला, परिवहन मंत्री-एचआरटीसी प्रबंधन पर मिलीभगत का आरोप

बिलासपुर— चिंतपूर्णी बस अड्डे के निर्माण के लिए तीन दानी सज्जनों द्वारा एचआरटीसी को दान में दी गई करोड़ों की जमीन को अपने चहेते किसी एक व्यक्ति को लीज पर दिए जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आरोप है कि परिवहन मंत्री और निगम प्रबंधन ने इसमें नियमों और शर्तों को दरकिनार करते हुए सालाना करोड़ों की कमाई करने वाली इस जमीन को पंजाब के होशियार निवासी मुकेश रंजन नामक व्यक्ति को 33 वर्षों के लिए महज 45 लाख रुपए की वार्षिक लीज पर दे दिया गया। हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने सूचना का अधिकार के तहत ली जानकारी से इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अब इस मामले को विधानसभा में उठाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी बस अड्डे के लिए यहीं के तीन दानी सज्जनों बली राम, आयुध्या दास और बली राम ने अपनी करीब तीन करोड़ के मूल्य की तीन कनाल छह मरले भूमि वर्ष 1985 में निगम को दान की थी। तय शर्तों के अनुसार इस दान दी गई भूमि पर एक वर्ष की अवधि में एचआरटीसी का बस अड्डा बनाया जाना था। नियमों के अनुसार इस प्रकार से दान दी गई जमीन को किसी को बेचा या लीज पर नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में अगर कोई शर्तों का उल्लंघन या उससे छेड़छाड़ करता है तो दानी सज्जनों को अपनी जमीन वापस लेने का अधिकार रहता है। उन्होंने बताया कि सूचना से पता चला है कि परिवहन मंत्री व एचआरटीसी ने उक्त ठेकेदार पर पूरी तरह से मेहरबान रहे, जिनकी मिली भगत से दानी सज्जनों की भावनाओं को कुचल कर रख दिया गया। उन्होंने कहा कि गत वर्ष इस जमीन पर कार पार्किंग फीस तीस रुपए और बस की महज सौ रुपए थी। इसके बाद प्रबंध निदेशक द्वारा मुकेश रंजन को अवार्ड लैटर देने के बाद पार्किंग फीस में ही भारी बढ़ोतरी कर दी गई।

मापदंड पूरे किए बिना मामला पास

मापदंडों को पूरा किए बिना ही मामले को बीओडी में पास करवाने के बाद कैबिनेट में मामला पारित होने की सूचना प्रधान सचिव परिवहन द्वारा प्रबंधन निदेशक को दी गई। एमडी ने जमीन को सौंपने का अवार्ड लैटर जारी कर दिया।


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