बारिश की आस में सूखने लगी फसल

By: Mar 1st, 2017 12:05 am

नालागढ़  – नालागढ़ उपमंडल के किसान बारिश न होने से मायूस हो गए है और अपने खेतों में लगाई फसलों के लिए बारिश का बरबस इंतजार करते रहते है। मंगलवार को आसमान पर घने बादलों ने डेरा डाला तो सुबह से ही किसानों ने बारिश की उम्मीद लगानी शुरू कर दी, लेकिन शाम तक बारिश नहीं हुई, अपितु चंद बूंदों की बौछारों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पहले ही बिजाई के समय बारिश न होने की मार किसान झेल चुके है, लेकिन अब जब बारिश की फसलों को अत्यधिकआवश्यकता है तो इंद्रदेव नहीं बरस रहे है। किसानों के मुताबिक यदि अब बारिशें नहीं हुई तो गेहूं की फसलों का दानों बहुत छोटा रह जाएगा, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से भी नुकसान झेलना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में बारिशें न होने से किसान हताश व परेशान हो गए है। किसानों ने अपने खेतों में जीवन यापन के लिए फसलों की बिजाई तो की है, लेकिन आसमान में वह अपनी टकटकी लगाए बैठे रहते है कि कब इंद्रदेव मेहरबान हो, लेकिन बारिशें न होने से फसलों की पैदावार कम होने के साथ दाना भी पूरी तरह से तैयार न होने का भय सता रहा है। सिंचाई वाले क्षेत्रों के किसान तो जैसे तैसे फसलों की सिंचाई कर देते है, लेकिन रेनफेड वाले किसान बारिश पर निर्भर है, वह अधिक चितिंत नजर आ रहे है। क्षेत्र में बारिश न होने से किसानों के चेहरे मुरझा गए है। बता दें कि नालागढ़ क्षेत्र दो इलाकों में बंटा हुआ है, जिसमें पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र आता है। सिंचाई सुविधा वाली जमीन 4861 हेक्टेयर है, जबकि 6270 हेक्टेयर भूमि बिजाई कार्य के लिए बारिश पर निर्भर करती है। सिंचाई सुविधा वाली 4861 हेक्टेयर भूमि के अंतर्गत मंझौली, राजपुरा, ढांग, जगातखाना, निहली ढांग, ढाणा, सनेड़, भाटियां, दभोटा, नवांग्राम, पंजैहरा, जोघों, जगतपुर, बैरछा, बघेरी, खिल्लियां, घोलोंवाल, करसौली, गुल्लरवाला, बरूणा आदि कई गांव आते हैं, जबकि रेनफेड एरिया में मित्तियां, मैथल, रतवाड़ी, बारियां, रामशहर, थयोड़ा आदि कई गांव आते है। क्षेत्र के किसान योगेश शर्मा, नराता राम, प्रेम चौधरी आदि ने बताया कि फसलों की बिजाई के समय भी बारिशों ने दगा दिया और किसानों ने जैसे-तैसे करके बिजाई तो कर दी, लेकिन अब फसलों की ग्रोथ के लिए होने वाली बारिशें नहीं हो रही है, जिससे किसानों को नुकसान होने की संभावनाएं है और बारिशें न होने से फसलों के दाने की ग्रोथ कम रह जाएगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। नौणी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एचओडी डा. एसके भारद्वाज ने कहा कि आने वाले 24 घंटों में बारिश होगी, जबकि उसके बाद हल्की बौछारें होने की संभावनाएं है।


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