भारतीय गुरुओं ने ही तिब्बतियों को दिया ज्ञान

By: Mar 30th, 2017 12:04 am

NEWSधर्मशाला — तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा आज भी भारतीय धर्मगुरुओं का अनुसरण करते हैं। प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान को विश्व भर में पहुंचाने के लिए मीडिया को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने उक्त बात अपने निवास स्थान धर्मशाला में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ एक मुलाकात में कही। उन्होंने कहा कि तिब्बती समुदाय के लोग सदियों पहले भारतीय गुरुओं द्वारा दिए गए ज्ञान का पालन करते आए हैं और आज भी उनके विचारों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बत 1000 साल पहले एक अंधेर में था, जब भारतीय वहां पहुंचे और तिब्बतियों को ज्ञान के खजाने से अवगत करवाया, जिसके बाद ही तिब्बती लोग प्रबुद्ध हुए।  इसलिए हम तिब्बती भारत देश को अपने गुरु का दर्जा देते हैं और हम अपने आप को महान देश भारत का चेला मानते हैं। 989 नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाईलामा ने प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो दुनिया भर में आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है।  बौद्धगुरु दलाईलामा ने कहा कि भारत के इस महान प्राचीन ज्ञान को दुनिया भर में फैलाना जरूरी है, क्योंकि दुनिया में वर्तमान समय में शांति की कमी है। उन्होंने कहा कि यह ज्ञान दुनिया भर के स्कूलों और कालेजों में अकादमिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए। साथ ही भारत को प्राचीन भारतीय ज्ञान के बारे में अध्ययन करने के लिए दुनिया को आकर्षित करने के लिए पहल करके शांति की कला को सिखाना होगा, जो कि वर्तमान दौर में बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मीडिया को जनता के बीच प्राचीन भारतीय ज्ञान को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा आम लोगों के बीच भारतीय ज्ञान के प्रसार में आपकी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस तरह से मीडिया विश्व में शांति लाने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।


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