महिला चौकीदार के दम पर गोपालपुर जू

By: Mar 17th, 2017 12:01 am

184 जानवरों की हिफाजत के लिए सिर्फ दो अटेंडेंट, बाउंडरी भी खुली

हमीरपुर – बीस प्रजातियों के 184 जानवरों की हिफाजत के लिए गोपालपुर जू में मात्र दो एनिमल अटेंडेंट हैं। इनमें कई जानवर खूंखार तथा हमलावर हैं। कुल 12 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस जू के अधिकतर एरिया में खुली बाउंडरी है। साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सीमापट्टी में से सिर्फ एक किलोमीटर में ही चारदीवारी का निर्माण हुआ है। शेष अढ़ाई किलोमीटर को जाले की तार से कवर किया है। इसके अलावा एक महिला चौकीदार के दम पर यह जू चल रही है। स्टाफ की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पर्यटकों को आकर्षित करने वाली कांगड़ा घाटी की इस जू के मुख्य द्वार पर एक भी सिक्योरिटी गार्ड तैनाती के लिए उपलब्ध नहीं है। गोपालपुर जू में 20 प्रजातियों के वन्य प्राणी हैं, जिनमें शेर, भालू तथा तेंदुआ खूंखार जाति के 23 वन्य प्राणी शामिल हैं। अलबत्ता इस पूरी जू में रखे गए 184 वन्य प्राणियों की देखरेख के लिए मात्र दो एनिमल अटेंडेंट तैनात हैं। केंद्रीय जू के नियमों के तहत वन्य प्राणी की हर प्रजाति के लिए एक एनिमल अटेंडेंट होना जरूरी है। बावजूद इसके दिन-रात बारी-बारी से दो ही एनिमल अटेंडेंट ड्यूटी दे रहे हैं। बताते चलें कि पूरे जू में सिर्फ एक महिला चौकीदार है। इसके चलते महिला कर्मी से दिन-रात सेवाएं लेना आसान नहीं है। रेंज आफिसर का पद भी एक साल से रिक्त पड़ा है। जू में सिर्फ फोरेस्ट गार्ड के पर्याप्त छह पद भरे हैं, अन्य स्टाफ की कमी खलती रही है। इस कारण सुरक्षा के चलते बारूद के ढेर पर खड़ी इस जू की चारदीवारी का निर्माण न होना भी एक बड़ा सवाल है। गोपालपुर जू की चारदीवारी का निर्माण तीन साल से जारी है। विवादों में घिरे इस निर्माण कार्य की कछुआ चाल और गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में रही है। ठेकेदारी प्रथा से हो रहे चिडि़याघर के निर्माण कार्य के कारण अब तक अधिकतर कार्य लटके पड़े हैं।

नौ फीट ऊंची दीवार जरूरी

जू की अढ़ाई किलोमीटर लंबी पट्टी को सिर्फ लोहे की तारों से जाला बनाकर बंद किया गया है। केंद्रीय जू के नियमों के तहत चिडि़याघर में नौ फीट ऊंची दीवार का निर्माण जरूरी है। इसके विपरीत गोपालपुर में सिर्फ सड़क किनारे की बाउंडरी पर चारदीवारी का निर्माण किया गया है। इसके चलते यह जू स्थानीय बाशिंदों के लिए भी खतरे की घंटी है।


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