रूसा बेहतर, हटाने की सोचेंगे भी नहीं
सीएम की दो टूक, अब तो शिक्षकों को भी करनी पड़ रही मेहनत
शिमला— सदन में गुरुवार को एबीवीपी की रैली में छात्रों की संख्या के मामले पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व नेता प्रतिपक्ष प्रो. धूमल आमने-सामने रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रैली में मुश्किल से आठ से 10 हजार छात्र थे। तीस हजार लोग तो तब जुटे थे, जब रिज पर स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राज्य का दर्जा मिलने पर संबोधित करने आई थीं। उन्होंने रूसा प्रणाली को बेहतरीन बताते हुए कहा कि आज के दौर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे स्वीकृत प्रणाली यही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिक्कत तो आएगी ही। छात्रों को अब पढ़ना पड़ रहा है, पूरा वक्त कालेज में ही रहना पड़ रहा है। टीचर्ज को पढ़ाने के लिए ज्यादा समय देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रणाली को हटाने पर कदापि विचार नहीं कर सकती। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रणाली को सफल बनाने के लिए पर्याप्त स्टाफ है। विपक्ष मात्र विरोध की खातिर ही इसके खिलाफ बोल रहा है, क्योंकि अब टीचर्ज को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है और बच्चों को ज्यादा वक्त देना पड़ रहा है। कालेजों में शिक्षक पहले एक-दो लेक्चर देकर चले जाते थे।
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