वंश की मदद को बढ़ाएं हाथ

By: Mar 10th, 2017 12:05 am

नौणी —  ओच्छघाट के रहने वाले छह वर्षीय मासूम वंश की दोनों किडनियां जन्म से ही खराब हैं। आर्थिक तंगी होने की वजह से उसके माता-पिता उपचार नहीं करवा पा रहे हैं। अब उसकी एक किडनी पूर्ण रूप से फेल हो चुकी हैं, जबकि दूसरी किडनी भी फेल होने की कगार पर पहुंच गई है। यदि वंश को सही उपचार मिल जाए तो उसकी जिंदगी को बचाया जा सकता है। इस मासूम के लाचार माता-पिता के पास आंसू बहाने के सिवाय कोई भी सहारा नहीं है। जानकारी के अनुसार छह वर्षीय वंश  को जन्म से ही एक ऐसी बीमारी ने घेर रखा है, जिसकी वजह से उसकी दोनों किडनियों में संक्रमण हो गया था। कई जगह उपचार करवाने के बाद भी उसका किडनी संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो पाया। जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया उसकी बीमारी भी लगातार बढ़ती गई। किडनी संक्रमण होने की वजह से उसका वजन लगातार घट रहा है। वश के पिता प्रेमचंद उसे उपचार के लिए पहले सोलन लेकर आए, लेकिन यहां से उसे आईजीएमसी शिमला के लिए रैफर कर दिया गया। किडनी में संक्रमण इतना अधिक है कि उसे यहां से भी पीजीआई के लिए रैफर कर दिया गया। इसी दौड़भाग के बीच वंश की एक किडनी फेल हो गई। दूसरी किडनी भी अब फेल होने की कगार पर पहुंच चुकी है। वंश के पिता प्रेम ओच्छघाट में रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। पीजीआई में डाक्टरों ने वश की किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च चार से पांच लाख रुपए बताया है। वंश के पिता प्रेम चंद ओच्छघाट में रेहड़ी चलाते है। आमदनी ज्यादा न होने की वजह से प्रेम को अपने परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो पाता  है। वह दिन में करीब 400 से 500 रुपए कमाते है। वंश के पिता प्रेम ने बताया कि  उसकी हालत बहुत खराब है। हअब उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि जिदंगी व मौत के बीच जूझ रहे इस मासूम की जान को कैसे बचाया जाए। वंश की सहायता के लिए ओच्छघाट  कल्याण समिति ने हाथ आगे बढ़ाया है। समिति के सदस्य रविंद्र जोशी ने बताया कि वह वंश  के उपचार के लिए 11 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व अन्य लोगों को भी इस मासूम की सहायता के लिए आगे आना चाहिए।


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