विजय का गुलाल

By: Mar 14th, 2017 12:01 am

( विजय शर्मा, टौणी देवी, हमीरपुर )

पांच प्रदेशों के चुनाव नतीजों ने आखिर भाजपा को होली से पहले ही होली मनाने का मौका दे दिया। सपा के अंदरूनी झगड़े के दौरान भाजपा खुलकर ताल ठोंक रही थी, लेकिन झगड़े के बाद पार्टी और सरकार की कमान अखिलेश के हाथ आने से भाजपा चिंतित थी। कांग्रेस से गठबंधन और उसके लगभग 100 सीटों के आसपास लड़ने के ऐलान से भाजपा खिल उठी। भाजपा निश्चिंत थी कि कांग्रेस पांच-दस सीटों से ज्यादा कभी नहीं जीतेगी और न ही सपा और कांग्रेस का वोट एक-दूसरे को पड़ेगा। इसके अलावा सपा की हार तो उस दिन ही निश्चित हो गई थी, जिस दिन खुद सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने खुलकर कहा था कि समाजवादी पार्टी के जिन संभावित उम्मीदवारों को अखिलेश की नई सपा ने टिकट नहीं दिया है, वे अपने-अपने इलाकों में प्रभाव रखने वाली छोटी-छोटी पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ें। अतः सपा कार्यकर्ता अंतिम समय तक भ्रम में रहे और सपा के किसी भी प्रभावशाली नेता ने मैदान में उतर कर प्रचार नहीं किया। उत्तर प्रदेश में तो भाजपा को ऐसी सफलता पिछले कई  दशकों से नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जनता ने होली से ठीक पहले सारे गिले-शिकवे भुलाकर भाजपा को सिर-माथे बिठाकर खुलकर होली खेलने का मौका दिया है और उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश को उनकी उद्दंडता के लिए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। रही बात केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की, तो उसे भी अब जमीन दिखाई देने लगी है। जिस प्रकार केजरीवाल आए दिन ताल ठोंककर पंजाब और गोवा में दिल्ली का इतिहास दोहराने का दावा करते थे, वह खोखला साबित हुआ है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App