शिवरीनारायण

By: Mar 4th, 2017 12:07 am

शिवरीनारायणशिवरीनारायण छत्तीसगढ़ के जांजगीर, चांपा जिले में आता है।  शिवरीनारायण मंदिर का निर्माण हैहय वंश के शासकों ने 11वीं शताब्दी में कराया था। हिंदू कथाओं के अनुसार शिवनारायण मंदिर के पास ही शबरी आश्रम है। शिवरीनारायण मंदिर का निर्माण वैष्णव शैली में बड़ी खूबसूरती के साथ किया गया है।  शिवरीनारायण मंदिर के कारण ही यह स्थान छत्तीसगढ़ की जगन्नाथ पुरी के नाम से प्रसिद्ध हुआ है। मान्यता है कि इसी स्थान पर प्राचीन समय में भगवान जगन्नाथ जी की प्रतिमा स्थापित रही थी, परंतु बाद में इस प्रतिमा को जगन्नाथ पुरी में ले जाया गया था । इसी आस्था के फलस्वरूप माना जाता है कि आज भी भगवान जगन्नाथ जी यहां पर आते हैं। शिवरीनारायण कहलाता है गुप्त धाम- देश के प्रचलित चार धाम उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारिका धाम स्थित है, लेकिन मध्य में स्थित शिवरीनारयण को गुप्त धाम का स्थान प्राप्त है। इस बात का वर्णन रामावतार चरित्र और याज्ञवलक्य संहिता में मिलता है।  यह नगर सतयुग में बैकुंठपुर, त्रेतायुग में रामपुर, द्वापरयुग में विष्णुपुरी और नारायणपुर के नाम से विख्यात था,  जो आज शिवरीनारायण के नाम से चित्रोत्पला गंगा के तट पर  कलिंग भूमि के निकट देदिप्यमान है। यहां सकल मनोरथ पूरा करने वाली मां अन्नपूर्णा, मोक्षदायी भगवान नारायण, लक्ष्मीनारायण, महेश्वर महादेव, केशवनारायण, श्रीराम, लक्ष्मण जानकी, जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा से युक्त श्री जगदीश मंदिर हैं। यहां राधा-कृष्ण, काली और मां गायत्री का भव्य और आकर्षक मंदिर भी है।

 


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