श्रीराम का सुरक्षा प्रबंध

By: Mar 11th, 2017 12:05 am

चौदह हजार से भी अधिक असुर तथा खर और दूषण जैसे वीरों का राम ने अकेले ही काम तमाम कर दिया है। राम ने ऋषियों को सुरक्षा प्रदान करने का वादा कर दिया है और उनके लिए सारा क्षेत्र भी तैयार कर दिया है…

यहां तक कि उसके अपने लोग भी ऐसे शासक का, जो कि घमंडी होने के साथ-साथ अत्यंत शेखी बघारने वाला हो, उसका वध करने से नहीं हिचकिचाते।  ऐसा राजा जो अपना कर्त्तव्य पालन नहीं करता और अपने राज्य उपर छा रहे खतरे के बारे में जानकारी नहीं रखता, बहुत जल्द ही अपने राज्य से हाथ धो बैठता है और उसकी अवस्था इस संसार में एक तिनके जैसी हो जाती है। सूखी हुई लकडि़यों से कुछ लाभ प्राप्त हो सकता है, धूल व मिट्टी से भी लाभ मिल सकता है, लेकिन ऐसे शासक जो अपने स्थान से नीचे गिर चुके हों, उनसे कुछ भी किसी का भी फायदा नहीं हो सकता। जिस प्रकार, एक इस्तेमाल हो चूका वस्त्र व पहनाया जा चुका फूलों का हार दूसरों के लिए बेकार हो जाता है, उसी तरह से कितना भी शक्तिशाली राजा क्यों न हो, राज्य खो जाने के उपरांत पूर्णतया बेकार हो जाता है।

शूर्पणखा के जासूस, तंत्र के बारे में विचार 

अरण्य कांड सर्ग 33, शलोक 5, 7, 10, 11, 12, 13, 14, 20, 21, 22, 23, 24

लोग ऐसे शासक से दूरी बना लेते है, जिसने जासूस तंत्र की व्यवस्था नहीं कर रखी हो। ऐसा शासक अपनी प्रजा को अपने साथ बंधे रखने में असमर्थ हो जाता है, उसका स्वयं पर भी काबू नहीं होता और उसकी हालत ऐसे हाथी जैसी हो जाती है जो कि एक नदी के कीचड़ से हिचकिचाता है। देवताओं, गंधर्वों और दानवों संग युद्ध  करते हुए, आप अपने खुद के स्वामी हो और आपने जासूस तंत्र की स्थापना नहीं कर रखी है। तो ऐसे में आप कैसे उम्मीद रखते हो कि आप एक शासक के रूप में बने रहे, जबकि आप इसमें इतने कमजोर हो। हे राजन, ऐसे शासक जिनके जासूस, कोषागार व नीति उनके आधीन नहीं होती, वे शासक एक साधारण व्यक्तित्व के होते हैं।  ऐसा इसलिए कि  लोगों पर शासन करने वाले शासक अपने जासूसों की सहायता से दूर-दूर तक की गतिविधियों पर अपनी निगाह रख लेते है, इसीलिए उन्हें दूरदर्शी कहा जाता है। मेरा ऐसा निष्कर्ष है कि  आपने अपने राज्य में कुशल जासूस नियुक्त नहीं किए हैं और आप अशिक्षिक सलाहकारों के अनुसार चल रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आपको मालूम ही नहीं है कि आपके क्षेत्र में आपके प्रजा जन  मारे जा रहे हैं और आपके आधीन इस राज्य का बुरा हाल हो रहा है। चौदह हजार से भी अधिक असुर तथा खर और दूषण जैसे वीरों का राम ने अकेले ही काम तमाम कर दिया है। राम ने ऋषियों को सुरक्षा प्रदान करने का वादा कर दिया है और उनके लिए सारा क्षेत्र भी तैयार कर दिया है। दूसरी और हे दानव राज, तुम एक ऐसे हो जो कि धन-दौलत के लालची, लापरवाह और लालसाओं के वश में हो चुके हो और इस समय अपने राज्य उपर मंडरा रहे खतरे को नहीं भांप पा रहे हो। याद रहे, ऐसा राजा ही ज्यादा देर तक शासन करता है, जो कि अपने स्वयं व अपने राज्य के बारे में जागरूक है, जिसने अपनी इंद्रियों पर काबू पा लिया है और जो दूसरों की सेवाओं को अच्छी तरह से समझता भी है और अपने आचरण में नेक है।


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