स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर दें जोर

By: Mar 17th, 2017 12:01 am

प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ की सरकार को नसीहत

शिमला — अध्यापकों की निंदा छोड़ सरकार को शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर बल देना चाहिए। यह बात हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने कही है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महामंत्री नरेश महाजन, प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रधान प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, वित्त सचिव मुकेश शर्मा, मुख्य संरक्षक अजीत चौहान, संरक्षक अरुण गुलेरिया, मनोहर शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय गोस्वामी, दिलेर, विकास महाजन, सूरज महाजन, डा. कुलदीप अत्री, मुख्य वेब सचिव मनीष सूद, अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष सरोज मेहता व विभिन्न जिला अध्यक्षों में मंडी के अश्विनी गुलेरिया, कुल्लू के सुनील वर्मा, ऊना के संजीव ठाकुर, शिमला के महावीर कैथला, सोलन के नरोत्तम वर्मा, सिरमौर के संजीव ठाकुर, सिरमौर के संजीव ठाकुर ने अध्यापकों के सम्मान के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा की है। प्रदेशाध्यक्ष ने अध्यापकों की निंदा करना छोड़ शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की मांग की है। अध्यापक संघ शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए सरकार को समय-समय पर सुझाव देता रहा है। हाल ही में ज्वालामुखी में शिक्षा की गुणवत्ता पर संघ द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया था तथा इस कार्यशाला का समापन स्वयं मुख्यमंत्री ने किया था। दो दिवसीय कार्यशाला की विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट में शिक्षा की गुणवत्ता व सरकारी स्कूलों में घटती विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने के लिए शिक्षाविदों द्वारा सुझाव दिए गए थे। इसमें सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों की तर्ज पर प्री-प्राइमरी, प्राथमिक कक्षाओं में हर कक्षा के लिए एक अध्यापक, कंपोजिट स्कूल प्रणाली, सरकारी कोष से वेतन प्राप्त करने वाले सभी अधिकारी कर्मचारी व प्रतिनिधियों के बच्चों का अनिवार्य रूप से सरकारी विद्यालयों में पढ़ाना शामिल है।


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