स्टोन फ्रूट पर मंडराया संकट
तापमान में उतार-चढ़ाव से फसल पर खतरा, बागबान परेशान
शिमला — प्रदेश में मौसम के बदलते-बिगड़ते मिजाज से स्टोन फू्रट पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मार्च में बारिश और कड़ाके की ठंड से राज्य के मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में स्टोन फू्रट की फसल ठंड की भेंट चढ़ने लगी है, जिससे बागबान खासे चिंतित हैं। मध्य पर्वतीय क्षेत्रो में जहां कुछ जगह स्टोन फू्रट के पौधों में कलियां खिल रही हैं, तो वहीं क्षेत्रों में पिंक बड आना शुरू हो चुका है, मगर मौसम के बिगड़े मिजाज और कड़ाके की ठंड के कारण फूल पूरी तरह नहीं खिल पा रहे। कई क्षेत्रों में बारिश से फूल झड़ने के कारण अब स्टोन फू्रट के पौधों में पत्तियां ही नजर आने लगी हैं। राज्य के मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछेक निचले क्षेत्रों में तो फूल के दौरान ठंड पड़ने से स्टोन फू्रट की सेटिंग पर असर पड़ चुका है। ऐसे में आर्थिकी के लिए स्टोन फू्रट पर निर्भर बागबान खासे चिंतित हैं। बागबान मौसम खुलने के इंतजार में हैं। हालांकि राज्य के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई स्थानों पर स्टोन फू्रट में फ्लावरिंग व पिंक बड के दौरान मौसम शुष्क रहा, जिससे इन क्षेत्रों में स्टोन फू्रट के पौधों में अच्छी सेटिंग की सूचना है। मगर मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम के कड़े मिजाज ने बागबानों की मेहनत पर पानी फेरना शुरू कर दिया है। फ्लावरिंग और पौधों में पिंक बड के समय मौसम साफ रहना चाहिए। इस दौरान तापमान 19 से 23 डिग्री के करीब होना चाहिए। ऐसे में फूल से फल आने की प्रक्रिया ज्यादा सफल रहती है। स्टोन फू्रट में खासतौर पर बादाम, खुमानी, आड़ू और प्लम की फसल पर मौसम की मार का असर पड़ रहा है।
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