हर माह 100 महिलाओं पर जुल्म
हिमाचल में महिला दिवस पर एक पहलू यह भी…
पालमपुर— आठ मार्च को विश्व महिला दिवस मनाया जा रहा है, ताकि महिलाओं को हर जगह सम्मान मिल सके। परंतु हिमाचल में महिलाओं पर हो रहे अपराध के आंकड़े चिंताजनक हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारें गंभीरता दिखा रही हैं और इस विषय को लेकर जनता को लगातार जागरूक भी किया जा रहा है। बावजूद इसके कुछ प्रतिशत लोगों की मानसिकता देवभूमि को भी रह-रह कर कलंकित कर रही है। हर महीने करीब 100 महिलाओं को अपराध का शिकार होना पड़ रहा है। 2004 में जहां महिलाओं से पेश आए विभिन्न अपराधों को लेकर प्रदेश भर में 910 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2016 में यह संख्या बढ़कर 1216 तक जा पहुंची है। 2004 से लेकर 2006 तक प्रदेश में महिलाओं से पेश आए अपराधों के मामलों की संख्या सालाना एक हजार से कम थी, लेकिन उसके बाद से इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती गई और 2007 से 2012 तक यह आंकड़ा सालाना 11 सौ के आसपास रहा। 2013 और 2014 में तो यह ग्राफ चिंताजनक तौर से 15 सौ के पार जा पहुंचा । हालांकि बीते दो सालों में ऐसे मामलों में कुछ कमी जरूर दर्ज की गई है। प्रदेश में रेप के हर साल सौ से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। साल 2005 में 141 और 2006 में 113 को छोड़ कर पिछले 11 सालों के दौरान तो यह आंकड़ा सालाना 150 से ऊपर पहुंचता रहा है। 2004 में प्रदश में 153 महिलाएं दुराचार का शिकार हुईं तो 2007 में यह आंकड़ा बढ़ कर 159 पर जा पहुंचा। 2008 में 157, 2009 में 182, 2010 में 160, 2011 में 168 और 2012 में 183, 2013 में 250 , 2014 में 284, 2015 में 244 और 2016 में भी 244 महिलाएं बलात्कार का शिकार हुई। शिक्षित प्रदेशों की अग्रणी सूची में शुमार हिमाचल में दहेज का दानव अब भी महिलाओं को निगल रहा है। दस सालों के दौरान प्रदेश में दहेज के लिए हत्या किए जाने के 25 मामले दर्ज किए गए हैं।
क्राइम अगेंस्ट वूमन
2004-910, 2005-874, 2006-874, 2007-1132, 2008-1104, 2009-1083, 2010-1145, 2011-1112, 2012-1024, 2013-1596, 2014-1576, 2015-1314, 2016-1216
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