होलिका दहन को मंदिर से निकलेंगे देवता

By: Mar 12th, 2017 12:05 am

भुंतर – रंगोत्सव के तहत जिला के दियार में रविवार को होलिका दहन के मौके पर विशेष देव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यहां पर देर शाम एक साल के अंतराल के बाद आराध्य देवता अठारह करड़ू के पीढ़ू को देवालय से बाहर निकाला जाएगा और विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। देवता त्रियुगी नारायण के कारकूनों ने बताया कि देवता के पीढ़ू, जिसमें सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है, को देवालय से बाहर होलिका दहन के लिए निकाला जाता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत देवालय में सबसे पहले माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी और फिर पालकी को साजोसज्जा और वाद्य यंत्रों की धुन के साथ बाहर लाया जाएगा । मंदिर के साथ ही बने विशेष स्थान पर पालकी को बैठाकर होलिका और दूसरे देवी-देवताओं की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान यहां पर लकडि़यों और घास आदि को एकत्रित कर फाग की भी पुरोहितों के द्वारा विधिपूर्वक स्थापना की जाती है, जिसके मध्य में एक पेड़ को खड़ा किया जाता है। देवता अठारह करड़ू पीढ़ू की पूजा के साथ ही फाग की अढ़ाई बार परिक्रमा की जाती है और फाग में आग लगाई जाती है। आग लगाने के बाद कोई युवक आग के बीच में खड़े किए गए पेड़ की डाली को निकालने के लिए छलांग लगाता है। धारणा है कि जो युवक जलती आग से इस पेड़ की डाली को बाहर निकालता है उसकी देवता एक साल में मनोकामना को पूरी कर देता है। कारदार पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि जिस व्यक्ति की मनोकामना पूरी होनी हो उसी के मन में आग में छलांग लगाने की भावना पैदा होती है। फाग को जलाने के बाद देवता को वापस देवालय में लाया जाएगा और दूसरी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।


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