20 साल की नौकरी, पर आज भी कच्‍ची

By: Mar 20th, 2017 12:01 am

सिलाई अध्यापिकाओं ने रेगुलर जॉब के साथ मांगी पगार में बढ़ोतरी

बिलासपुर  – प्रदेश भर में तैनात सिलाई अध्यापिकाओं को 20 साल बाद भी रेगुलर नहीं किया गया है। इतना ही नहीं, उन्हें महज 2300 रुपए वेतनमान ही मिल रहा है। कई बार सरकार के समक्ष नियमित करने की फरियाद लगाने के बावजूद उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है। अपनी इस मांग को मनवाने के लिए सिलाई अध्यापिकाओं ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। सिलाई कढ़ाई अध्यापिका संघ जल्द ही आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।  बिलासपुर में अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित रहे सदर विधायक ने भी उनकी मांग को पूरा करवाने का भरोसा दिया है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा 1997 में प्रदेश भर में सिलाई अध्यापिकाओं की नियुक्ति की गई थी। इसके लिए हर जिला में खंड स्तर पर सिलाई सेंटर भी खोले गए थे। मामूली वेतन पर तैनाती के बाद इनके वेतन में हल्की बढ़ोतरी भी की गई। इतना ही नहीं स्वरोजगार की आस कई ग्रामीण युवतियों ने इन सिलाई सेंटरों में प्रशिक्षण भी लिया। पहले सरकार द्वारा आठ साल के कार्यकाल के बाद नियमित करने का प्रावधान था। बाद में सरकार ने इसे घटा लिया, लेकिन 1997 से कार्यरत अधिकांश सिलाई अध्यापिकाएं आज तक पक्की नहीं हो पाई हैं।  प्रदेश भर में सिलाई अध्यापिकाओं को यह आंकड़ा अब 3400 को पार कर चुका है, जो महज अभी भी 2300 रुपए की मासिक पगार में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। अकेले बिलासपुर जिला में 229 ऐसी सिलाई अध्यापिकाएं हैं, जो आज तक नियमित नहीं हो पाई हैं। कई अध्यापिकाएं ऐसी हैं, जो 20 साल का सेवाकाल पूर्ण कर चुकी हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें आज तक नियमितीकरण का तोहफा नहीं मिल पाया है। ऐसे में प्रदेश भर में तैनात सिलाई अध्यापिकाओं ने पगार बढ़ाने और रेगुलर नौकरी की मांग की है। सिलाई केंद्रों में हर वर्ष हजारों की संख्या में युवतियों प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। कई युवतियां इस फील्ड में सरकारी नौकरी के इंतजार में हैं।


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