अपनों को ही बना दिया अफसर

By: Apr 6th, 2017 12:15 am

एचआरटीसी में जूनियर टेक्निकल आफिसर्ज के चयन पर परिवहन मजदूर संघ का आरोप

newsबिलासपुर — हिमाचल परिवहन मजदूर संघ ने एचआरटीसी में जूनियर टेक्निकल अफसर के चयन को लेकर निगम प्रबंधन को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। संघ का कहना है कि एचआरटीसी के जिन अधिकारियों पर प्रदेश के योग्य व क्षमतावान युवाओं को जूनियर टेक्निकल अफसर के 44 पदों पर चयन करने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने इसके लिए पारदर्शिता को रौंद कर इसमें अपने बच्चों, रिश्तेदारों और परिवहन मंत्री के चहेतों का ही चयन कर डाला। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस महाघोटाले को अंजाम देने के लिए पूरे प्रदेश के हजारों डिप्लोमा व डिग्रीधारी युवाओं से लिखित परीक्षा लेने का महज बहाना बनाया गया। उन्होंने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि इन पदों पर सिर्फ अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए 12 वर्ष पुराने भर्ती व पदोन्नति नियमों में भी बिना देरी किए संशोधन कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि निगम के किसी भी कर्मचारी को यह पदोन्नति न मिल सके, इसके लिए  छह अक्तूबर, 2016 को जल्दबाजी में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी गई और 10 अक्तूबर को इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिए। शंकर सिंह ठाकुर ने कहा कि विज्ञापन में इन पदों को सौ फीसदी सीधी भर्ती से करने का हवाला दिया गया। हालांकि विज्ञापन में कहीं भी बीएसएमडीए का नाम नहीं है, जबकि पुराने नियमों में केवल 25 प्रतिशत सीधी भर्ती से और 75 प्रतिशत पदोन्नति द्वारा पदों को भरने का नियम था। उन्होंने बताया कि भर्ती परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट पर अभ्यर्थी व उसके पिता का नाम अंकित करने को कहा गया था, जबकि नियमों के तहत ओएमआर शीट पर सिर्फ रोल नंबर ही अंकित करना होता है। उन्होंने कहा कि ओएमआर शीट के नीचे कोई कार्बन कॉपी भी नहीं थी। वहीं, इंटरव्यू के लिए न तो लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ और न ही परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की गई। उन्होंने कहा कि जब भर्तियां इसी प्रकार की जानी हैं, तो हमीरपुर के अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की क्या आवश्यकता है। उन्होंने इस भर्ती घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है, जिससे प्रदेश के योग्य व क्षमतावान युवाओं में पनपी निराशा दूर हो सके।


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