अब मैदानों में आएगी फल क्रांति
शहतूत, आम, लीची, संतरा, हरड़ की नई प्रजातियों से होगा सुधार
घुमारवीं — हिमाचल प्रदेश के अपर क्षेत्र में सेब की तर्ज पर अब लोअर शिवालिक क्षेत्र में भी फल क्रांति आएगी। लोअर शिवालिक के कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर व नालागढ़ सहित अन्य क्षेत्रों में फल क्रांति लाने के लिए डा. यशवंत परमार बागबानी विवि ने शहतूत, लीची, आम, संतरा, हरड़ व आंवला की वैरायटियां तैयार की हैं, जिन्हें यहां के किसान व बागबान उगाकर फल क्रांति ला सकते हैं। किसान व बागबान यूनिवर्सिटी में आकर इनकी तकनीक के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह खुलासा रविवार को घुमारवीं में पहुंचे डा. बागबानी विश्वविद्यालय सोलन के कुलपति डा. हरि सी. शर्मा ने किया। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश का अपर क्षेत्र सेब के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के बागबान सेब की फसल से हर साल लाखों रुपए कमाते हैं, लेकिन विपरीत इसके हिमाचल के लोअर शिवालिक क्षेत्र में अभी तक पूरी तरह से फल क्रांति नहीं आई है। यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. हरि सी. शर्मा ने लोगों से शहतूत, लीची, आम, संतरा, हरड़ व आंवला की वैरायटियों व तकनीकों से रू-ब-रू होने का आह्वान किया है। वैज्ञानिकों की मानें तो लोअर शिवालिक क्षेत्रों में शहतूत, लीची, आम, संतरा, हरड़ व आंवला की अच्छी पैदावार हो सकती है। यहां के किसान व बागबान शहतूत, लीची, आम, संतरा, हरड़ व आंवला की फसल उगाकर अधिक धन कमा सकते हैं।
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