कुल्लू के वनों में बुरांस की लाली

By: Apr 16th, 2017 12:05 am

भुंतर – कुल्लू में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों तथा वन्य पौधों के अथाह भंडार मौजूद हैं। जिला में इन दिनों यह प्राकृतिक वन्य पौधे अपने पूरे यौवन पर हैं। इन्हीं पौधों में से एक पौधा बुरांस का भी है। यह पौधा दियार, सैंज, रैला, मणिकर्ण, बंजार, खराहल, बरशैणी, स्नोर घाटी आदि क्षेत्रों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस पेड़ में लाल रंग के फूल लगते हैं। इन दिनों बुरांस के पौधों में फ्लावरिंग का दौर चला हुआ है। लाल रंग के फूलों से घाटी के जंगल का नजारा सभी को आकर्षित कर रहा है। बुरांस के फूल अनेक औषधिय गुणों से भी भरपूर होते हैं। इसके अलावा इसका जूस व चटनी, जैम, सॉस भी बहुत ही स्वादिष्ट तथा औषधीय गुणों वाला होता है तथा बाजार में भी इसके उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसका जूस अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर करने में लाभदायक होता है। जीवी पंत हिमालयन विकास एवं पर्यावरण संस्थान के प्रभारी वैज्ञानिक शेर सिंह सामंत ने बताया कि बुरांस के जूस हृदय रोगियों के लिए विशेष लाभकारी होता है। इसके अलावा नाक से खून बहने पर भी बुरांस का जूस पीने से इस पर काबू पाया जा सकता है। बुरांस के महत्त्व को देखते हुए अब घाटी के ग्रामीण भी इसका उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब लोगों को इसके गुणों के संबंध में पूरी जानकारी मिलने लगी है तथा अब ग्रामीण इसके उत्पादों को बाजार में भी बेचने लगे हैं। रूपी घाटी के यशपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने गत वर्ष 300 लीटर बुरांस का जूस निकाला था। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा निकाले गए जूस की बाजार में अच्छे दाम प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि बुरांस का जूस चटनी, जैम, सॉस आदि बनाकर ग्रामीणों क्षेत्रों के  लोग अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते  हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में बुरांस के उत्पादों की भारी मांग रहती है। उधर, मौहल में स्थित जीवी पंत हिमालयन पर्यावरण एवं विकास संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसएस सामंत ने बताया कि बुरांस को रोहडोडैंड्रोन आरबोरियम के नाम से जाना जाता है और उत्तराखंड में यह राज्य फूल का भी दर्जा प्राप्त कर चुका है। उन्होंने बताया कि ये फूल हिमालयन क्षेत्र के वनों में अत्यधिक मात्रा में पाया जाता हे और अनेक औषधीय गुणों से भरपूर है। उन्होंने बताया कि इन दिनों बुरांस के पौधों में फूल लगे हुए हैं और मई माह तक यह फूल पौधों में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बुरांस के फूल का जूस काफी गुणकारी है। साथ ही अब इसे व्यवसाय के रूप में भी लोग अपनाने लगे हैं।


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