गरीब जागे, तो होगी टीबी-फ्री सुबह

By: Apr 9th, 2017 12:01 am

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोले सिनेमा-राजनीति के विशेषज्ञ

धर्मशाला – देश का गरीब तबका टीबी के प्रति जागरूक होगा, तभी देश में टीबी से मुक्ति पाने का सपना साकार हो सकेगा। कुछ इसी तरह के विचारों के साथ सिनेमा-राजनीति की हस्तियों ने सम्मेलन से टीबी मुक्त भारत के लिए भागीदारी दिखाई भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए धर्मशाला में पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे व अंतिम दिन इंटरनेशनल विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। सम्मेलन में डा. सुनील ने कहा कि भारत के गरीब तबके, स्लम और जनजातीय क्षेत्रों में टीबी लोगों में अधिक संख्या में पाई जाती है। देश को अब इन अहम हिस्सों पर विशेष रूप से काम करना होगा।  विश्व भर में टीबी की बीमारी खत्म करने के लिए वर्ष-2030 लक्ष्य रखा गया है, जबकि भारत में पांच वर्ष पहले 2025 तक टीबी मुक्त किए जाने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। अब तक भारत में टीबी रोग को लेकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने का कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता था, लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों को भी टीबी मरीजों का रिकार्ड बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इससे टीबी मरीजों के सही आंकड़ों के अनुसार ही भारत में काम किया जा सकें। सेमिनार के अंतिम दिन क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने टीबी को दूर करने के लिए अपने-अपने विचार साझा किए।

हर एक को देना होगा साथ

सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना देखा है, जिसे पूरा करने के लिए देश के बालीवुड सेलिब्रिटी, क्रिकेट और नेताओं सहित हर वर्ग को सहयोग करना होगा।

टीबी को हराने के लिए कसरत

केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी ने कहा कि पहली बार अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। क्रिकेट मैच के साथ भी टीबी मुक्त भारत का संदेश दिए जाने की पहल की गई है, यह मुहिम की शुरुआत है। अब आगामी समय में इस तरह के कई आयोजन कर टीबी के प्रति जागरूकता फैला कर टीबी को हराने का काम किया जाएगा।

दो दिन में बहुत कुछ सीखा

बालीवुड एक्टर आफताब शिवदसानी ने कहा कि टीबी का पूरा इलाज संभव है, अफवाहों की बजाय मरीज को अपना समय पर इलाज करवाना चाहिए। भारत को टीबी मुक्त करने के लिए ऐसे सेमिनार आयोजन करने होंगे। उन्हें भी टीबी रोग के बारे में पहले बहुत अधिक जानकारी नहीं थी, लेकिन दो दिवसीय सेमिनार में उन्हें भी काफी कुछ सीखने को मिला है।

ऐसा पहला मौका

दि यूनियन संस्था के जोस लुईस कास्त्रो ने कहा कि टीबी के खिलाफ शुरू हुए अभियानों में यह पहला मौका है कि इतने सेलिब्रिटिज एक साथ एक मंच पर आए हैं। टीबी एक ऐसी बीमारी है, जिससे मरने वालों का आंकड़ा किसी प्राकृतिक आपदा से मरने वाले लोगों से भी काफी अधिक है। भारत को टीबी मुक्त किए बिना हम विश्व से टीबी हटाने का सपना कभी पूरा नहीं कर सकते। इसके लिए अब हमें जल्द टीबी से मुक्त करना होगा। यूएसएआईडी के डायरेक्टर मार्क ए व्हाइट ने कहा कि सलाह और सहयोग हमेशा काम करते हैं। यह एक बहुत बड़ा मौका है कि सिनेमा और राजनीति के धुरंधर इस अभियान को सफल बनाने में आगे आए हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App