गुलाबी-सफेद रंग से घाटी गुलजार

By: Apr 1st, 2017 12:05 am

पतलीकूहल – घाटी की मुख्य नकदी फसल सेब सहित नाशपाती के बागान फूलों की बहार से गुलजार हो गए हैं। मौसम में आए बदलाव से घाटी में चारों ओर फलदार पौधों में गुलाबी व सफेद फूलों की बहार से घाटी और भी आकर्षक दिखाई देने लगी हैं। पौधों पर आई इन फूलों की बहार ही बागबानों की खाली  झोली को साल भर के लिए भर देती है। हालांकि मार्च महीने के तीन सप्ताह पूरी तरह से कड़क मौसम के चलते ठंडक का संचार करते रहे, लेकिन महीने के अंतिम सप्ताह में नाशपाती व सेब के बागान फूलों से लबालब होने लगे हैं। लोगों को इस वर्ष बढि़या फसल की उम्मीद हैं। घाटी में जिस तरह से इस वर्ष सेब के बागानों में आई फ्लावरिंग से बागबानों में अचंभित किया है उससे वह सेब की फसल को लेकर कुछ आशंकित भी हैं कि कहीं मौसम का कड़क मिजाज उनकी उम्मीदों को धराशायी न कर दे। मौसम का कड़क मिजाज कई बार फ्लावरिंग के समय पर फसल पर भारी पड़ा है, लेकिन बागबान आशावान हैं कि ईश्वर उनकी बढि़या फसल की आशा को धराशायी नहीं क रेगा। घाटी में स्पर प्रजाति के पौधों पर ग्राफ्टिंग का कार्य अधिक हुआ है, जिससे बागबानों को सेब की अरली वैरायटी में अरली फ्लावरिंग होने की उम्मीद रही। बागबान खेखराम नेगी ने बताया कि घाटी में मार्च के महीने में सेब के बागानों में फूल खिलने से पहले मौसम का कड़क मिजाज रहा लेकिन अब दो चार दिन से जिस तरह से मौसम का मिजाज बदला है उससे सेब की अरली प्रजातियों में फूल खिल आया है। उन्होंने बताया कि सेब की फ्लावरिंग के समय मौसम का अनुकूल रहना फसल के अति आवश्यक है क्योंकि मौसम का फ्लावरिंग के समय सौहार्द रहने से ही सेब की सेटिंग निर्भर करती है। बागानों में फूल खिलने की अवस्था पर मौसम का मिजाज सामान्य रहने पर ही बागबान बढि़या फसल की आशा रखता है। घाटी में ऐसे क्षेत्र है जो कड़क मौसम के चलते ओलों की मार से फसल को खो देते हैं। इसके लिए बागबानों ने नेटिंग कर अपने बागानों को हेलिंग डैमेज से बचाने के लिए पर्याप्त साधन किए हैं, पौधों में फूल खिलने की अवस्था पर मौसम का मिजाज जिस तरह से रहना चाहिए वह सबसे आवश्यक है। फूलों की बहार पर अत्यधिक ठंड व अत्यधिक गर्मी दोनों अवस्थाओं में फूल को धराशायी करता है। बागबान खेख राम नेगी ने कहा कि घाटी के बागबानों को उम्मीद है कि इस बार सेब की फसल बढि़या हो इसके लिए लोग पहले भी अपने आराध्य देवी-देवताओं की शरण में जाकर उनसे अच्छी फसल की उम्मीद लेकर वर्ष भर के लिए आर्थिकी को सुदृढ़ करने की भविष्यवाणी पा चुके हैं। घाटी में जिस तरह से फलदार पौधों पर फू लों की बहार आई है उससे हर बागबान अच्छी उम्मीद पाले हुए हैं।


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