…जब सवालों के बीच हिमाचली खूबसूरती में खो गए खन्ना

By: Apr 28th, 2017 12:15 am

14 साल पहले भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए हिमाचल आए अभिनेता विनोद खन्ना ने ‘दिव्य हिमाचल’ को समलोटी में चलती गाड़ी में दिया था इंटरव्यू

newsकांगड़ा —  समलोटी के मोड़ों पर चलती हुई गाड़ी में जब उन्हें चेहरा घुमाने के लिए कहा तो वे थोड़ा असहज जरूर हुए, लेकिन जब उसी चेहरे को उन्होंने सुबह ‘दिव्य हिमाचल’ के प्रथम पृष्ठ पर देखा तो खुशी जाहिर करने से वह न चूके। हम बात कर रहे हैं फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना की। बात 14 साल पहले 19 फरवरी, 2003 की है, जब वह भाजपा के चुनाव प्रचार के सिलसिले में कांगड़ा आए थे। व्यस्त दौरे के दौरान उन्होंने अपनी गाड़ी में ही चलते-चलते इंटरव्यू करने की सहमति प्रदान कर दी। बारिश और ठंड के बीच गाड़ी समलोटी के मोड़ों पर दौड़ रही थी और विनोद खन्ना ‘दिव्य हिमाचल’ प्रतिनिधि के सवालों के जवाब दे रहे थे। कांगड़ा से बैजनाथ तक के सफर के बीच फिल्म नगरी मुंबई, राजनीति, अध्यात्म, योग और बेटे अक्षय खन्ना को लेकर भी लंबी चर्चा हुई। उन्होंने  हर सवालों का जवाब दिया और हिमाचल की खूबसूरती की जमकर तारीफ की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि हिमाचल उनके दिल के करीब रहा है और हिमालय पुत्र की तो पूरी शूटिंग ही डलहौजी, चंबा व मनाली की हसीन वादियों में हुई। फिल्मी जीवन को वह व्यवसाय मानते थे, वह कहते थे कि राजनीति में आया हूं, तो देश सेवा करनी है। बातचीत के दौरान विनोद खन्ना ने जीवन के उन पलों को ‘दिव्य हिमाचल’ के साथ साझा किया था, जो उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा रहे थे। प्रचार की दौड़-धूप के बीच वह चलती गाड़ी में धौलाधार के पर्वतों व सड़क से नीचे बहती नदियों को देखकर काफी सुकून महसूस कर रहे थे। इसलिए सवालों के जवाब के बीच वह ठहर जाते थे। पहाड़ों के बीच वह काफी अच्छा महसूस कर रहे थे। वह बताते थे कि राजनीति में आने से पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से उनकी पहली बैठक उनके निवास पर हुई थी। तब आडवाणी जी ने तपाक से कहा कि आपको चुनाव लड़ना है, तो आप गुरदासपुर जाइए। तब उन्हें गुरदासपुर का पता न था, तब आडवाणी जी ने कहा कि फिक्र मत करें। घबराहट के बावजूद चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वैसे विनोद खन्ना ने सोचा भी न था कि एकदम तय होगा और चुनाव लड़ने के लिए भेजा जाएगा।

पहले पन्ने पर फोटो देख कहा थैंक्स

विनोद खन्ना बताते थे कि वह जीत के उन क्षणों को ताउम्र भुला न पाएंगे। योग, बैडमिंटन, ट्रैवलिंग व ड्राइविंग का शौक रखने वाले विनोद खन्ना अपने बेटे अक्षय खन्ना की फिल्म दुनिया में अलग पहचान को लेकर संतुष्ट थे। पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को समर्थन देने को लेकर भी विनोद खन्ना काफी खफा थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल में मिली जिम्मेदारी से भी वह संतुष्ट थे। कांगड़ा में भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र त्रेहन के घर भोजन उपरांत विनोद खन्ना के साथ सफर शुरू हुआ। हालांकि इंटरव्यू पालमपुर के मोड़ों के मध्य ही समाप्त हो गया था, लेकिन उनके जीवन से संबंधित बातचीत का सिलसिला बैजनाथ तक चलता रहा। फिर वही चुनावी शोरगुल और भाजपा जिंदाबाद के नारों के बीच विनोद खन्ना का स्वागत हुआ। खन्ना की सादगी का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उन्होंने गाड़ी में बैठे अपना फोटो अखबार के पहले पन्ने पर देखा तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया।

डलहौजी में की शूटिंग

डलहौजी — विनोद खन्ना ने अपने बेटे अक्षय खन्ना की फिल्मी करियर की शुरुआत 1997 में हिमालय पुत्र से की थी। विनोद खन्ना का हिमाचल से बेहद लगाव था और हिमालय पुत्र के लिए उन्होंने डलहौजी में ही शूटिंग की। इस फिल्म के प्रोड्यूसर वह खुद थे।

मंडे मार्केट में शॉपिंग

विनोद खन्ना की सादगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह 2012 में कोतवाली में लगने वाली मंडे मार्केट से भी खरीददारी करके ले गए थे। उनकी इस सादगी का हर कोई कायल था।


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