जल संकट दूर करेगा राजस्थान का सिद्धांत

By: Apr 17th, 2017 12:01 am

घुमारवीं में राज्यपाल ने सिखाया जल संरक्षण का मूल मंत्र

घुमारवीं —  ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव से चिंतित वैज्ञानिकों की निकट भविष्य  में देश में भयंकर जल संकट से निपटने के लिए अब हिमाचल प्रदेश राजस्थान का सिद्धांत अपनाएगा। इस कार्य में मरुस्थल का वाटरमैन नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ठंडे प्रदेश की मदद को तैयार हैं। ‘बहते पानी को चलना सिखाओ, चलते पानी को ठहरना…’ सिद्धांत पर पहाड़ी प्रदेश को चलने की जरूरत पर बल देते हुए हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जल संरक्षण के लिए नई योजना पर काम शुरू कर दिया है। हिमाचल को जल समृद्ध प्रदेश बनाने के लिए सरकार व लोगों की सहभागिता से खड्डों व नालों पर हजारों चैकडैम बनाए जाएंगे, जिससे पानी भी रिचार्ज होगा तथा जल संकट भी कम होगा। रविवार को घुमारवीं में संस्कार सोसायटी के जल संरक्षण शिविर में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जहां वैज्ञानिकों की चेतावनी पर चिंता जता गए, तो वहीं जल संरक्षण का मूल मंत्र भी लोगों को सिखा गए। राज्यपाल ने कहा कि विश्व भर में जल संकट गहरा रहा है, जिससे हिमाचल भी अछूता नहीं है। इस दौरान महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजस्थान का भी उदाहरण देते वाटरमैन राजेंद्र सिंह के सिद्धांत की जानकारी दी।

सहेजनी होगी परंपराएं

राज्यपाल ने घुमारवीं में उपस्थित लोगों को पारंपरिक तकनीक सहेजने तथा जीरो बजट खेती का मूल मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि जीरो बजट खेती पर उनकी लिखी गई किताब प्रदेश भर की पंचायतों व महिला मंडलों को फ्री उपलब्ध करवाई जाएगी।

 


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