टीएमसी के ‘दिल’ में छेद, स्टंट डालने के नाम पर लूट

By: Apr 12th, 2017 12:05 am

newsटीएमसी— डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा के कार्डियोलोजी डिपार्टमेंट में स्टंटिंग के नाम पर मरीजों से मोटी कमाई किए जाने का खुलासा हुआ है। आरोप लगे हैं कि यहां हार्ट पेशंट से मनमानी फीस वसूली जा रही है और सिर्फ पैसे वालों को ही तवज्जो दी जा रही है। मामला उस वक्त उजागर हुआ, जब 31 मार्च को आरएसबीवाई (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना) के तहत आने वाले पांच लोगों को यहां स्टंट डालने से मना कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि मामला उजागर होने के बाद टीएमसी प्रशासन की ओर से संबंधित डिपार्टमेंट के एचओडी को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि मामला अब सरकार के ध्यान में भी पहुंच गया है। सरकार जल्द ही इस मामले में सख्त एक्शन ले सकती है। बता दें कि जनवरी में टीएमसी में पहला स्टंट डाला गया था। उस वक्त डाक्टर ने बताया था कि मरीज का खर्च 25 हजार रुपए के आसपास आया था। उसके बाद लोगों ने निजी अस्पतालों को छोड़कर टीएमसी का रुख करना शुरू किया था। आलम यह हुआ कि यहां विशेषज्ञों ने एक दिन में आधा दर्जन से अधिक मरीजों को स्टंटिंग शुरू कर दी थी। 31 मार्च और पहली अप्रैल को बाकायदा स्टंट डालने के लिए यहां कैंप भी लगाया था। इसके लिए चंडीगढ़ से भी एक विशेषज्ञ को बुलाया गया था। 31 मार्च को रात साढ़े आठ बजे तक मरीजों की स्टंटिंग होती रही थी। उस दिन सात मरीजों को स्टंट डाले गए थे। गौर हो कि फरवरी में एनपीपीए (नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइजिंग अथॉरिटी) ने स्टंट की कीमत में 85 प्रतिशत की कमी की थी। उसके बाद स्टंट की कीमत 30 हजार रुपए के आसपास आ गई है।

नहीं डाला आरएसबीवाई धारक को स्टंट

जिला कांगड़ा के फतेहपुर तहसील के गांव रे के तालिब हुसैन ने टीएमसी को सौंपे शिकायत पत्र में बताया कि उसके पिता अनवर हुसैन को सीने में दर्र्द के चलते 21 मार्च को टीएमसी में दाखिल करवाया गया था। उनके दिल की एक नस ब्लॉक थी और 30 मार्च को स्टंट डालने की बात कही गई। उस दिन उनका आपरेशन नहीं हुआ। 31 मार्च को कहा गया कि यदि आप 80 हजार रुपए की व्यवस्था कर सकते हो तो ही स्टंट डाला जाएगा। हमने  आरएसबीवाई के तहत बने कार्ड का हवाला दिया तो उन्होंने कहा कि आपके लिए जो सामान लगना है, वह हमारे पास नहीं है।

पेसमेकर के सवा लाख

जिला हमीरपुर के सन्नी कुमार ने बताया कि उनके 60 वर्षीय फूफा हार्ट पेशंट हैं। उन्हें टीएमसी रैफर किया गया। उनके हार्टबीट कम हो गए थे। यहां कार्डियो के एचओडी ने कहा कि इन्हें पेसमेकर डाल देंगे, लेकिन सवा लाख रुपए खर्च आएगा। अगले दिन ऑपरेशन के बाद एक आदमी बाहर आया और उसने बोला कि आपका 25000 रुपए बिल बना है। यह बिल मरीज को डले सामान का बताया गया और पेमेंट बाहर एक मेडिकल स्टोर में करने को कहा गया। फिर डाक्टर ने कहा कि पेस मेकर बाहर से मंगवाया है, एक लाख और देने पड़ेंगे और पेमेंट कैश में लेंगे। लाचारी में हमने उन्हें एक लाख रुपए दिए, जिनमें से एक हजार उन्होंने वापस कर दिए।

दो स्टंट के डेढ़ लाख

बैजनाथ के राजेश राणा ने बताया कि नगरोटा में रहने वाले उनके चाचा देशराज राणा से कार्डियोलोजी डिपार्टमेंट में डाक्टरों ने दो स्टंट डालने के लिए डेढ़ से पौने दो लाख जमा करवाने को कहा। हम बिना इलाज ही वापस आ गए।

पीजीआई में दवा से ठीक

रानीताल के ओंकार सिंह ने बताया कि मुझे स्टंट डालने के लिए आपरेशन थिएटर ले जाया गया था, लेकिन वहां डाक्टरों ने मशीन न होने का बहाना बना दिया। बाद पीजीआई में मैं 1200 की दवाई में ही ठीक हो गया।


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