टीएमसी में शुरू नहीं हुआ सराय का काम

By: Apr 12th, 2017 12:05 am

कांगड़ा —  फंड उपलब्ध न हो पाने की वजह से टांडा में सराय का निर्माण शिलान्यास के एक वर्ष बाद भी शुरू न हो पाया है। परिणामस्वरूप मरीजों के तीमारदार रात्रि सोने के लिए बरामदों में जगह तलाश रहे हैं। सांसद शांता कुमार भी सराय का निर्माण शुरू न किए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सराय के लिए फंड्स रिलीज नहीं कर रहा है। डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज अस्पताल टांडा में मरीजों के तीमारदारों की तकलीफों को देखते हुए यहां सराय बनाने का खाका दो साल पहले तैयार किया गया था। प्रस्तावित सराय भवन का शिलान्यास भी 19 अप्रैल, 2016 को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कर दिया, लेकिन छह करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस सराय के लिए फंड्स उपलब्ध नहीं है। इस सराय के लिए 25 लाख रुपए सांसद शांता कुमार व 25 लाख रुपए सांसद विप्लव ठाकुर ने सांसद निधि से देने की घोषणा की है। दो करोड़ रुपए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल भोपाल (बीएचईबी) ने देने की हामी भरी थी, परंतु सराय निर्माण करने वाली एजेंसी लोक निर्माण विभाग को अभी तक सराय बनाने के लिए कोई धन आबंटित नहीं हुआ है। नतीजतन सराय का काम चालू ही नहीं हो पाया है। सरकार की यहां चार मंजिला इमारत बनाने की योजना है। जहां एक साथ 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी। ग्राउंड फ्लोर में चार डोर मैट्री, दो रूम तथा किचन तथा पहली, दूसरी व तीसरी मंजिल पर छह-छह डोर मैट्री व चार-चार रूम बनाना प्रस्तावित है। कुल 1734.14 वर्ग मीटर के भू-खंड पर सराय का निर्माण किया जाना है। बताया जाता है कि 30 जनवरी, 2017 को इस सराय के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन फंड्स न मिलने के कारण इन टेंडरों को रद्द करना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार अब एक बार फिर विभाग ने टेंडरों की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन फंडस उपलब्ध नहीं है।  कभी 50 के दशक में जोधमल कुठियाला ने यहां टीबी सैनेटोरियम बनाया था तो पहले यहां तीमारदारों के लिए सराय का निर्माण किया था। उस सराय वाले स्थल पर आज एसबीपी की शाखा खोल दी गई है। आज हुकमरान सराय का ऐलान तो कर रहे हैं, लेकिन जनता के सपने को हकीकत में बदलने के लिए अड़चने आ रही हैं। लोक निर्माण विभाग टांडा के अधिशासी अभियंता संजीव महाजन का कहना है कि सराय भवन के निर्माण के लिए प्रशासनिक अप्रूवल और फंड्स की दरकार है।

बीएचईबी कंपनी ने जारी नहीं की पहली किस्त

सरकारी तंत्र के ढुलमुल रवैये की वजह से अभी तक बीएचईबी कंपनी ने भी अपनी पहली किस्त जारी नहीं की है। सवाल उठता है कि सराय निर्माण के लिए फंड्स उपलब्ध करवाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग क्यों उदासीन रवैया अपनाए हुए है। वैसे चार साल पहले राजन सुशांत ने एमपी रहते सराय के लिए 40 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन उनके सांसद पद से रुखस्त होने के बाद यह मसला खटाई में पड़ गया। यानी तीमारदार पिछले चार वर्षों से यहां सराय बनने की बाट जोह रहे हैं, लेकिन उनकी यह हसरत पूरी न हो पा रही है।


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