डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन तलब

By: Apr 25th, 2017 12:15 am

newsहमीरपुर —  केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हमीरपुर मेडिकल कालेज के जमीनी पेंच पर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन हिमाचल को तलब किया है। पर्यावरण मंत्रालय की दस सदस्यीय कमेटी के समक्ष मंगलवार को देहरादून में मेडिकल कालेज की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसमें फोरेस्ट केस की पेचिदगियों पर सुनवाई होगी। इस दौरान बड़ा फैसला लिया जाएगा कि हमीरपुर मेडिकल कालेज का निर्माण रंगस में चिन्हित भूमि पर होगा या नहीं। राज्य सरकार ने इसके लिए रंगस में लैंड फाइनल की है। फोरेस्ट लैंड के पेंच के चलते मंत्रालय ने इसका प्रोपोजल चौथी बार वापस लौटाया है। इसके चलते केंद्रीय मंत्रालय ने 25 अप्रैल को डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन अनिल चौहान को देहरादून बुलाया है। जाहिर है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हमीरपुर मेडिकल कालेज को 15 एकड़ से ज्यादा भूमि देने पर रेड सिग्नल दिखाया है। वन पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय ने कहा है कि इस कालेज के लिए जरूरी 20 एकड़ जमीन में पांच एकड़ क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर की भूमि से कटौती होगी। एमसीआई के निर्धारित मापदंडों के अनुसार 20 एकड़ से कम भूमि पर मेडिकल कालेज का निर्माण संभव नहीं है। इसे आधार मानते हुए मंत्रालय ने कहा है कि पांच एकड़ जमीन पर पहले से ही क्षेत्रीय अस्पताल की जद में शामिल है। शेष 15 एकड़ जोलसप्पड़ में स्वीकृत कर दी जाएगी। बहरहाल, केंद्रीय मंत्रालय के इस रुख के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि हमीरपुर मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर अभी तक तस्वीर धुंधली है। मंत्रालय से चार बार भूमि स्वीकृति का मामला आपत्तियों के चलते खारिज हो चुका है। अब चौथी बार आपत्ति के साथ वापस भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि मेडिकल कालेज के लिए आधारभूत ढांचे का निर्माण होगा। इसके लिए मंत्रालय अढ़ाई एकड़ से ज्यादा जमीन भवन निर्माण के लिए स्वीकृत नहीं करेगी, क्योंकि इस मेडिकल कालेज को क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर तथा जोलसप्पड़ में दो अलग-अलग जगह चलाया जाना प्रस्तावित है। इस कालेज का अस्पताल हमीरपुर में ही होगा। लिहाजा केंद्रीय मंत्रालय ने एमसीआई के मापदंडों का हवाला देते हुए अस्पताल की पांच एकड़ जमीन जोलसप्पड़ में कम कर दी है। बहरहाल हमीरपुर मेडिकल कालेज के निर्माण के लए यह एक और झटका माना जा सकता है।

जोलसप्पड़ में बनेंगे होस्टल-क्लासरूम

हमीरपुर मेडिकल कालेज के लिए प्रदेश सरकार ने हमीरपुर-नादौन मार्ग पर 35 एकड़ भूमि चिन्हित की थी। इस प्रस्ताव के साथ यह मामला मंजूरी के लिए वर्ष 2015-16 में केंद्रीय मंत्रालय को भेजा गया था। मंत्रालय ने जोलसप्पड़ में चिन्हित भूमि को फोरेस्ट लैंड बताते हुए 15 एकड़ भूमि में कटौती करने को कहा था। वन मंत्रालय ने कहा था कि एमसीआई के निर्धारित मापदंडों के अनुसार 20 एकड़ जमीन होना जरूरी है। इसके चलते 35 एकड़ के स्थान पर सिर्फ 20 एकड़ ही स्वीकृत होगी। तीसरी बार 20 एकड़ भूमि की मंजूरी का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया। अब इस पर केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय ने पांच एकड़ जमीन की और कटौती कर दी है। इसके तहत पांच एकड़ क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर और 15 एकड़ जोलसप्पड़ की जमीन में होस्टल और क्लासरूम बनेंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App