दरियां नी बछाणियां, टिकट लैणी है…

By: Apr 20th, 2017 12:05 am

धर्मशाला    —  चुनावी साल में हिमाचल के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में सियासी माहौल गरमाने लगा है। हर गली-चौराहे पर टिकट से लेकर सीएम तक के कयास लग रहे हैं, वहीं टिकट हासिल करने को नेता ही नहीं छुटभैया भी तिकड़म भिड़ाने लगे हैं। कह रहे हैं, टिकट को नाम चल पड़ा तो माहौल बन जाएगा, फिर टिकट न भी मिले तो चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के लिए तो पंगा डाल ही सकते हैं।  ऐसा भी नहीं हुआ तो कहीं डायरेक्टर ही सही, कुछ तो बन ही जाएंगे। टिकट की रेस में नाम चलेगा, तभी कुछ बन पाएंगे, नहीं तो 2018 में भी ‘दरियां बछांदेया रैहणा।’ इस चक्कर में 15 विधानसभा क्षेत्रों वाले कांगड़ा जिला के प्रत्येक हलके में आजकल कुछ ऐसा ही चल रहा है। एक-एक हलके में दर्जनों नेता तैयार होकर उभर आए हैं। चाय की चुस्की के साथ चौराहों एवं दुकानों पर टिकटार्थियों के नामों की चर्चा के साथ लोग खूब चटकारे लगा रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा नेता एवं  केंद्रीय स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा के कांगड़ा आगमन पर जिला भर के तमाम नए पुराने नेताओं ने हाजिरी भरते हुए शक्ति प्रदर्शन किया। भले ही वह शांता खेमे से जुड़े रहे हों या फिर धूमल कैंप के गिने जाते हों, चुनावी वर्ष में सभी टिकट लिए भाग रहे हैं। कोई टिकट कट न जाए, इसके लिए जोर लगा रहा है, तो कोई दूसरे की टिकट काटकर अपनी जगह बनाने को जोश दिखा रहा है।  इतना ही नहीं, दिल्ली में बुक्के देने का दौर भी खूब चल रहा है। अब भोरंज उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद हमीरपुर की दौड़ भी खूब लग रही है। उधर, कांग्रेस में भी कई तरह की उठापटक चल रही है। परिवहन मंत्री जीएस बाली ने नगरोटा में रैली के बहाने कई सियासी तराने छेड़ दिए हैं। चंद्रेश, काकू और सुक्खू सहित अन्य नेताओं को अपने मंच पर लाकर कांग्रेस के भीतर नई सियासी चर्चाओं को जन्म दिया है। जबकि सत्तासुख भोग रहे कई मंत्री व नेता चुनावी वर्ष में चुपचाप अपने अपने हल्कों में डट गए हैं।


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