नादौन में घरों से नहीं निकल पा रहे बच्चे-बुजुर्ग

By: Apr 20th, 2017 12:08 am

newsनादौन  —  क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोग घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों व बुजुर्गों को झेलनी पड़ रही है। उन्हें अकेले बाहर भेजना खतरे से खाली नहीं है। अप्रैल माह में ही नादौन अस्पताल में करीब 40 लोग कुत्तों द्वारा काटने पर भर्ती हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो हर रोज औसतन दो या तीन ऐसे पीडि़त लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। नादौन उपमंडल के करीब सभी प्रमुख कस्बों तथा पंचायतों में लोग आवारा कुत्तों की समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि समस्या से निपटने के लिए प्रशासन के पास कोई ठोस योजना भी नहीं है। विभिन्न पंचायतों में से अधिकतर पंचायतों के पास ऐसा रिकार्ड उपलब्ध नहीं है कि उनके क्षेत्र में कितने आवारा कुत्ते हैं। नादौन शहर में ही करीब 90 आवारा कुत्ते हैं। नगर पंचायत के पास इसका रिकार्ड भी उपलब्ध है, परंतु समस्या से निपटने के लिए कोई कारगर कार्य योजना नहीं है। शहर के वार्ड पांच में करीब दस ऐसे आवारा कुत्ते हैं, जो दिन भर गली में घूमते रहते हैं। इन कुत्तों के आतंक के कारण लोग अपने बच्चों को अकेले बाजार तक नहीं भेज पाते हैं, क्योंकि ये कभी भी बच्चों पर हमला कर देते हैं और कई बार तो बच्चों के पीछे भागते हैं। सबसे अधिक परेशानी रात के समय बस अड्डा पर उन यात्रियों को होती है, जो या तो बस का इंतजार कर रहे होते हैं या जिन्हें बस से उतर कर अपने घर जाना होता है। यही हाल नादौन से होकर गुजरने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर होता है। पूरे क्षेत्र में जहां-जहां खान-पान या मांस मछली आदि की दुकानें हैं उनके इर्द-गिर्द भी आवारा कुत्तों का जमघट लगा रहता है। इससे यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है।


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