प्रदेश में पीजी सीटें 189 मान्यता सिर्फ 118 को ही

By: Apr 9th, 2017 12:02 am

शिमला  – प्रदेश में वर्तमान में दो बड़े सरकारी कालेज चल रहे हैं, जहां से छात्र पीजी कर सकते हैं। इनमें आईजीएमसी और टांडा अस्पताल शामिल हैं। नाहन में मेडिकल कालेज शुरू हो चुका है और तीन और कालेजों पर सरकार काम कर रही है, लेकिन बड़ी बात यह है कि प्रदेश में पहले से चल रहे दो सरकारी कालेजों में भी सुविधाएं पूरी नहीं हैं। शायद यही कारण है कि इन अस्पतालों में कुल 189 सीटों में से केवल 118 को ही मान्यता मिल पाई है। हालांकि 189 सीटों में 39 सीटें मार्च में ही प्रदेश को मिली है। इसमें आईजीएमसी में 31 और टांडा में आठ सीटें बढ़ाई गई थीं, लेकिन यह भी सच्चाई है कि इन अस्पतालों में अभी भी सुविधाएं पूरी नहीं हैं, जिसके कारण सभी सीटों को एमसीआई की मान्यता नहीं मिल पाई है। इन दिनों एमसीआई की टीम पैथोलॉजी विभाग में आईजीएमसी के दौरे पर है। सूत्रों का कहना है कि दो-तीन दिनों में कुछ और विभागों में भी एमसीआई दौरा कर सकती है। कुछ समय पहले ही कम्युनिटी की सीटों को एमसीआई ने इसलिए मान्यता देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि फैकल्टी की ओर से शोध पत्र ही जमा नहीं करवाए गए थे। इसके कारण एमसीआई की तीन सीटों को मान्यता नहीं मिल पाई थी। ऐसे में साफ है कि नए कालेज तो खोले जा रहे हैं, लेकिन पहले से चल रहे दो बड़े कालेजों में अभी भी व्यवस्थाओं को लेकर कई खामियां हैं। वर्तमान में आईजीएमसी में मान्यता प्राप्त सीटों में एनेस्थीसिया में आठ, एनॉटमी में दो, कम्युनिटी मेडिसिन में तीन, डर्मेटोलॉजी, लेप्रोसी में तीन, फोरेंसिक मेडिसिन में एक, जनरल मेडिसिन में नौ, माइक्रोबायोलॉजी में तीन, गाइनोकोलॉजी में नौ, ऑप्थैल्मोलॉजी में चार, आर्थोपेडिक्स में पांच, ऑटोराहीनो लैरिंगोलॉजी में चार, पिडियाट्रिक्स में दो, फार्माकोलॉजी में दो, पैथोलॉजी में पांच, फिजियोलॉजी में दो, साइकेटरी में तीन, पल्मॉनरी मेडिसिन में दो, रेडियो-डायग्नोसिस में चार, रेडियोथैरेपी में चार, सर्जरी में चार सीटें शामिल हैं। अनुमति प्राप्त सीटों में एनेस्थीसिया में नौ, कम्युनिटी मेडिसिन में एक, जनरल मेडिसिन में चार, गाइनोकोलॉजी में तीन, आर्थोपेडिक्स में एक, ऑटोराहीनो लैरिंगोलॉजी में एक, पिडियाट्रिक्स में एक, पल्मॉनरी मेडिसिन में एक, रेडियो-डायग्नोसिस में नौ और सर्जरी में 11 सीटें शामिल हैं।

टीएमसी में ऐसे बंटीं हैं सीटें

इसी तरह टांडा में एनेस्थीसिया में दो, बायोकेमिस्ट्री में एक, कम्युनिटी मेडिसिन में दो, डर्मेटोलॉजी, लेप्रोसी में तीन, जनरल मेडिसिन में पांच, माइक्रोबायोलॉजी में तीन, गाइनोकोलॉजी में तीन, ऑप्थैल्मोलॉजी में चार, आर्थोपेडिक्स में तीन, ऑटोराहीनो लैरिंगोलॉजी में दो, पिडियाट्रिक्स में पांच, फार्माकोलॉजी में तीन, सर्जरी में दो सीटें शामिल हैं। टांडा में अनुमति प्राप्त सीटों में एनेस्थीसिया में 11, एनॉटमी में दो, फोरेंसिक मेडिकल में दो, जनरल मेडिसिन में दो, आर्थोपेडिक्स में तीन, पिडियाट्रिक्स में एक, पैथोलॉजी में एक, रेडियो-डायग्नोसिस में तीन, सर्जरी में पांच सीटें शामिल हैं।

मान्यता-अनुमति प्राप्त सीटों में अंतर

मेडिकल कालेजों में एमसीआई निरीक्षण करती है और उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी के आधार पर सीटों को मान्यता प्राप्त करती है। इन सीटों पर मैरिट के आधार पर चयन होता है। इन सीटों को जो उम्मीद्वार प्राप्त नहीं करते तो वे अधिकतर अनुमति प्राप्त सीटों पर दाखिला ले लेते हैं। यहां भी मैरिट आधार पर ही दाखिला मिलता है, लेकिन मान्यता प्राप्त सीटों से पीजी करने वाले प्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी प्रैक्टिस कर सकते हैं, लेकिन अनुमति प्राप्त सीटों से पीजी करने वाले राज्य से बाहर प्रैक्टिस नहीं कर सकते।


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