फुकुशिमा में छह साल बाद लौटी रौनक

By: Apr 24th, 2017 12:02 am

नाराहा – जापान में छह साल पहले भूकंप के बाद आई सुनामी ने भारी तबाही मचाई थी। इसकी चपेट में फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर रिएक्टर आ गया था। करीब 15 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। न्यूक्लियर रिएक्टर में रिसाव की वजह से आस-पास के इलाकों को खाली करवाया गया था। अब छह साल बाद जापान के फुकुशिमा में जिंदगी खिली है। दुनिया के सबसे बड़ी परमाणु त्रासदी का शिकार हुए फुकुशिमा इलाके में पहली बार बच्चे स्कूलों पर लौटे हैं। यहां के खूबसूरत समुद्र तटीय इलाके में फिर से रौनक लौटी है, लोग अब यहां बिना मास्क लागाए और सामान्य कपड़ों में टहलते देखे जा सकते हैं। कॉफी शॉप्स और मिठाई की दुकानें पहले की तरह ही खुल गई हैं, लेकिन छह साल पहले यहां का जो मंजर उसके बारे में सोचकर ही लोग डर जाते हैं। नाराहा शहर फुकुशिमा प्लांट जोन से 12 मील की दूरी पर है। सरकार ने 2015 में रोक हटाई थी। तब कुछ बुजुर्गों ने ही यहां रहने की हिम्मत दिखाई थी। इस त्रासदी से पहले यहां आठ हजार लोग रहते थे। अब उनमें से दस फीसदी परिवार ही वापस आए हैं। इनमें 105 बच्चे आए हैं। इनके लिए स्कूल खोला गया है। 116 करोड़ रुपए की लागत से स्कूल की दो मंजिला इमारत बनाई गई है। इसमें रेडिएशन मापने के आधुनिक उपकरण हैं। बच्चों को कचरे और फूलों से दूर रखा जा रहा है। लोगों को डर है कि इसमें रेडिएशन की मात्रा हो सकती है। स्कूल के कैफेटेरिया के वर्कर्स रोजाना रेडिएशन का स्तर मापते हैं। खाने में बिलकुल सभी ताजी सामग्री इस्तेमाल की जाती है।


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