बिना किताबों के पढ़ रहे छात्र

By: Apr 27th, 2017 12:02 am

पंजाब के सरकारी स्कूलों में नया सेशन शुरू, नहीं मिलीं पुस्तकें

नंगल— पंजाब के सरकारी स्कूलों में नया सेशन शुरू हुए बेशक साढे़ तीन सप्ताह गुजर गए हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने स्कूलों में पुस्तकें मुहैया नहीं करवाई हैं। किताबें न मिलने पर छात्र पढ़ाई में पिछड़ कर रह गए हैं। इस मामले को लेकर छात्रों के अभिभावकों में गहरी चिंता पाई जा रही है। उनका कहना है कि निजी स्कूलों में काफी सिलेब्स पूरा करवा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक सूबे में साढ़े 17 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। उनमें से कई बच्चे अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। इन स्कूलों में पहली से लेकर आठवीं तक पढ़ने वाले छात्रों को सरकार निःशुल्क पुस्तकें मुहैया करवाती है। इसी तरह नौवीं से लेकर दसवीं तक की क्लास में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को सरकार पुस्तकें मुहैया करवाती है। पहले नया सेशन शुरू होने से एक माह पहले पुस्तकें आ जाया करती थीं, लेकिन इस बार समय पर पुस्तकें नहीं पहुंच पाई हैं। पुस्तकें  न मिलने के मामले को लेकर छात्रों के अभिभावकों द्वारा कड़ा नोटिस लेते हुए संघर्ष का बिगुल बजाया है। उन्होंने कमेटी गठन कर शिक्षा विभाग के खिलाफ संघर्ष का रास्ता अपनाया है। कमेटी के सदस्य राजेश कुमार, वामदेव व सुखदेव सिंह ने बताया कि स्कूलों में किताबें न मिलने तक राज्यस्तर तक संघर्ष किया जाएगा। उधर, दूसरी ओर एससी कमीशन के चेयरमैन राजेश वाघा ने इस मामले पर सख्त नोटिस लेते हुए शिक्षा सचिव तथा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड़ के अधिकारियों को तलब किया। वहीं, प्रेम प्रकाश, रविंद्र कुमार ने बताया कि किताबों की अपूर्णता के कारण बच्चों को पूरा सिलेब्स करवा पाना असंभव होता दिखाई पड़ रहा है।

पंजाब बोर्ड भेज चुका है किताबें

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन बलवीर सिंह ने कहा कि बोर्ड की ओर से स्कूलों के लिए पुस्तकें भेजी जा चुकी हैं। अब ब्लॉक स्तर व सर्किल स्तर के कार्यालयों द्वारा स्कूलों में पुस्तकें क्यों नहीं भेजी जा रहीं यह उनकी जिम्मेदारी बनती है।


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